सावन मास के पहले दिन शिवालयों में उमड़ा श्रद्धालुओं का जत्था

सीवान/गुठनी : शनिवार को श्रवण मास का पहला दिन था. सुबह से ही शिवालयों में पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचने लगा. श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर में कतार में लग गये. और बारी-बारी से जलाभिषेक किये. सबसे अधिक भीड़ नगर के महादेवा स्थित शिव मंदिर, दरबार सिनेमा स्थित भावनाथ मंदिर, सिसवन प्रखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2015 11:46 PM
सीवान/गुठनी : शनिवार को श्रवण मास का पहला दिन था. सुबह से ही शिवालयों में पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं का जत्था पहुंचने लगा. श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर में कतार में लग गये.
और बारी-बारी से जलाभिषेक किये. सबसे अधिक भीड़ नगर के महादेवा स्थित शिव मंदिर, दरबार सिनेमा स्थित भावनाथ मंदिर, सिसवन प्रखंड के मेहदार स्थित महेंद्र नाथ धाम, गुठनी प्रखंड के सोहगरा स्थित हंसनाथ धाम, गोरेयाकोठी प्रखंड के हेयात पुर स्थित जंगली बाबा के शिव मंदिर, रघुनाथपुर प्रखंड के जटहवा बाबा शिव मंदिर सहित अन्य मंदिरों में रहा. सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी के साथ मंदिरों के आस-पास मुस्तैद दिखी.
गेरूआ वस्त्र पहन मंदिर पहुंचे श्रद्धालु : श्रवण मास में पूजा का एक अलग ही माहौल रहता है. लोग सुबह से ही नदी व तालाबों से स्नान कर गेरूआ वस्त्र पहन कर मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचने लगे. मंदिरों में एक अलग ही दृश्य दिख रहा था. हर कोई शिव के नारे लगा रहे थे. वहीं शिवालयों को रंग बिरंगे फूल व लाइटों से सजाया गया था. लोग बोल बम, हर हर महादेव, जय शिव आदि के जयकारे से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था.
श्रवण की शुरुआत शनिवार से अंत भी शनिवार को ही : श्रवण मास की शुरुआत शनिवार को हुई और अंतिम दिन भी शनिवार ही पड़ेगा. एक माह तक चलनेवाले श्रावणी मास को श्रद्धालु प्रतिदिन शिवालय पहुंच कर पूजा-अर्चना करेंगे. यहीं नहीं वैद्यनाथ धाम जाने के लिएश्रद्धालुओं की भीड़ काफी संख्या में जुट रही है. हर तरफ लोग चार पहिया वाहनों व ट्रेनों से बाबा धाम के लिए रवाना हो रहे हैं.
मंदिर के पास लगी हैं पूजा सामग्री की दुकानें : श्रद्धालु सुबह से पूजा सामग्री की खरीदारी करते रहे. स्नान करने के बाद श्रद्धालु फूल, अक्षत, बेलपत्र, भांग, धतूरा, गंगा जल आदि की खरीदारी करते रहे. और भोले नाथ का जलाभिषेक कर मन्नतें मांगे.
मंदिरों के पास लगा रहा मेला : मेहंदार मंदिर हो या सोहगरा मंदिर चारों तरफ मेले का दृश्य दिखायी दे रहा था. लोग पूजा अर्चना के बाद बच्चों के लिए मेले से मिठाइयां व बच्चों के खिलवाड़ आदि की भी खरीदारी की. साथ ही बच्चे झूलों का भी आनंद उठा रहे थे.

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