30 पीछे रह गयी धान की रोपनी

सीवान : इस वर्ष कुल 98 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य है, लेकिन अब तक मात्र 68494 हेक्टेयर यानी 70 फीसदी ही धान की रोपनी हो सकी है. बिचड़ा डालने के समय भी बारिश ठीक ढंग से नहीं हुई थी. जून माह के वर्षा पात पर नजर डालें, तो 124.9 मिलीमीटर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2015 12:06 AM
सीवान : इस वर्ष कुल 98 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य है, लेकिन अब तक मात्र 68494 हेक्टेयर यानी 70 फीसदी ही धान की रोपनी हो सकी है. बिचड़ा डालने के समय भी बारिश ठीक ढंग से नहीं हुई थी. जून माह के वर्षा पात पर नजर डालें, तो 124.9 मिलीमीटर की जगह मात्र 79.5 मिली मीटर ही बारिश हुई.
शुरुआती दौर में मौसम विभाग की भविष्यवाणी और मौसम की बेरुखी को देख कर ही किसानों को अंदाजा लग गया था कि इस वर्ष बारिश की कम उम्मीद है, लेकिन पापी पेट के सवाल को लेकर किसानों ने धान की रोपनी जारी रखी. अगस्त में 254.9 मिलीमीटर वर्षा पात होना है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक मात्र 16.2 मिलीमीटर बारिश हुई है.
उपज होगी प्रभावित : बारिश की बेरुखी के बाद भी जिले के कुछ क्षेत्रों में धान की रोपनी की सूचना विभाग को मिल रही है.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या देर से रोपनी किये गये धान की उपज प्रभावित होगी. विभाग में कार्यरत कर्मियों की बात पर गौर करें, तो देर से धान की रोपनी होने की स्थिति में उपज प्रभावित हाने की संभावना है. यदि किसान लेट वेराइटी धान की रोपनी कर रहे होंगे, तो उपज प्रभावित होने की कम संभावना होगी.
एक नजर प्रखंडवार रोपनी पर
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर प्रखंड में 6355 हेक्टेयर की जगह 4614 हेक्टेयर में , पचरुखी प्रखंड में 6020 हेक्टेयर की जगह 3572 हेक्टेयर, महाराजगंज प्रखंड में 5351 हेक्टेयर की जगह 3080 हेक्टेयर, भगवानपुर प्रखंड में 6690 हेक्टेयर की जगह 4894 हेक्टेयर, बसंतपुर प्रखंड में 3010 हेक्टेयर की जगह 2303 हेक्टेयर,लकड़ीनबीगंज प्रखंड में 3678 हेक्टेयर की जगह 2701 हेक्टेयर, बड़हरिया प्रखंड में 10030 हेक्टेयर की जगह 7961 हेक्टेयर,
गोरेयाकोठी प्रखंड में 7359 हेक्टेयर की जगह 4968 हेक्टेयर, दरौंदा प्रखंड में 5686 हेक्टेयर की जगह 2711 हेक्टेयर, मैरवा प्रखंड में 2675 हेक्टेयर की जगह हेक्टेयर, नौतन प्रखंड में 3013 हेक्टेयर की जगह 2212 हेक्टेयर, हुसैनगंज प्रखंड में 5351 हेक्टेयर की जगह 3459 हेक्टेयर, आंदर प्रखंड में 3678 हेक्टेयर की जगह 2902 हेक्टेयर, जीरादेई प्रखंड में 5351 हेक्टेयर की जगह 3934 हेक्टेयर, सिसवन प्रखंड में 4349 हेक्टेयर की जगह 3024 हेक्टेयर, रघुनाथपुर प्रखंड में 5351 हेक्टेयर की जगह 3954 हेक्टेयर, दरौली प्रखंड में 5351 हेक्टेयर की जगह 3725 हेक्टेयर, गुठनी प्रखंड में 4014 हेक्टेयर की जगह 2968 हेक्टेयर और हसनपुरा प्रखंड में 4648 हेक्टेयर की जगह 3811 हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
बारिश की बेरुखी ने किसानोंको बैंक फुट पर लाकर खड़ा कर दिया है. जिले के बहुत से हिस्से में धान की रोपनी पर बुरा प्रभाव पड़ा है. प्रखंड से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में अब तक 70 फीसदी क्षेत्र में ही धान की रोपनी हो सकी है. सरकार ने रोपे गये धान की फसल को बचाने के लिए डीजल अनुदान देने का फैसला किया है.
राजेंद्र कुमार वर्मा, डीइओ, सीवान

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