अस्पताल में जांच टीम को मिली अव्यवस्था

सीवान : लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में लंबे समय से नाकाम रहे सदर अस्पताल प्रशासन का हाल जानने बुधवार को डीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम पहुंची. टीम को हर तरफ अव्यवस्था व लापरवाही ही नजर आयी. अधिकतरचिकित्सक अपने कक्ष से गायब थे, महिला ओपीडी में ताला लटक रहा था. साढ़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2015 1:40 AM

सीवान : लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में लंबे समय से नाकाम रहे सदर अस्पताल प्रशासन का हाल जानने बुधवार को डीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम पहुंची. टीम को हर तरफ अव्यवस्था व लापरवाही ही नजर आयी.

अधिकतरचिकित्सक अपने कक्ष से गायब थे, महिला ओपीडी में ताला लटक रहा था. साढ़े तीन घंटों तक जांच में जुटी रही टीम ने 41 बिंदुओं पर जांच की. टीम अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी. प्रभात खबर सदर अस्पताल की अव्यवस्था को लगातार उजागर करते हुए शासन व प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराता रहा.

14 अगस्त के अंक में पृष्ठ संख्या 6 पर ‘अस्पताल ही बीमार,तो कौन करेगा इलाज’ शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था.जिस पर नवागत जिला पदाधिकारी महेंद्र कुमार ने संज्ञान में लेते हुए हालात का जायजा लेने के लिए वरीय उप समाहर्ता अनीशा सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया. यह टीम औचक निरीक्षण को पहुंची और ओपीडी के दवा वितरण केंद्र से जांच शुरू हुई. जांच टीम ने जानना चाहा कि सदर अस्पताल में आज की तारीख में कौन सी दवा कितनी मात्र में उपलब्ध है.

कुछ देर इंतजार करने के बाद कर्मचारी जब जानकारी नहीं दे पाये, तो उन्हें एक घंटे की मोहलत दी.ओपीडी में उपलब्ध दवाओं को जानकारी देने वाले बोर्ड को देखा. लेकिन उसमें उपलब्ध दवाओं की जानकारी नहीं लिखे जाने पर आपत्ति जतायी. महिला ओपीडी में करीब सवा नौ बजे तक महिला डॉक्टर नहीं आयी थीं. सदर अस्पताल के ओपीडी भवन में नियमित टीकाकरण केंद्र करीब साढ़े नौ बजे तक बंद था. मरीजों के लिए लगायी गयी आरओ मशीन काम नहीं कर रही थी. सदर अस्पताल के सभी हैंड पंप खराब पड़े थे. जांच टीम जब महिला वार्ड में पहुंची तो बेड पर साफ चादरें बिछी तो थी.
लेकिन मरीज नहीं थे. लेबर रूम के पास गंदगी देख कर अधिकारियों ने आपत्ति जतायी तथा समुचित सफाई कराने को कहा. निर्माणाधीन आपात कक्ष के बारे में अधिकारियों ने पूछा तो अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि तत्कालीन डीएम ने एक एनजीओ को मुफ्त में काम कराने को दिया है. पुरुष वार्ड में किसी भी बेड पर चादर नहीं बिछी थी. जांच अधिकारियों ने एंबुलेंस,जेनेरेटर,मरीजों की डायट आदि कई लॉग बुक को देखा. जांच टीम ने सदर अस्पताल में 41 बिंदुओं पर जांच करने के बाद लौट गयी. बताया जाता है कि जांच टीम अपनी रिपोर्ट डीएम को सौपेंगी. उसके बाद उसे विभाग को भेज दिया जायेगा.

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