आठ माह बाद भी स्टेशन पर नहीं लगी राजेंद्र बाबू की प्रतिमा

24 दिसंबर को सीवान जंकशन पर रेल राज्य मंत्री ने की थी घोषणा सीवान : स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के पैतृक गांव के समीप स्थित जीरादेई स्टेशन पर बुनियादी यात्री सुविधाओं के नहीं रहने से जीरादेई आनेवाले पर्यटकों को काफी परेशानी होती है. जीरादेई स्टेशन पर यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2015 11:18 PM

24 दिसंबर को सीवान जंकशन पर रेल राज्य मंत्री ने की थी घोषणा

सीवान : स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के पैतृक गांव के समीप स्थित जीरादेई स्टेशन पर बुनियादी यात्री सुविधाओं के नहीं रहने से जीरादेई आनेवाले पर्यटकों को काफी परेशानी होती है.

जीरादेई स्टेशन पर यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, विश्रमालय तथा प्रतीक्षालय की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यात्रियों को परेशानी होती है. 24 दिसंबर, 2014 को सीवान जंकशन पर सीवान -भटनी रेल खंड पर हुए विद्युतीकरण कार्य के लोकार्पण के मौके पर रेल राज्य मंत्री ने जीरादेई स्टेशन पर बुनियादी यात्री सुविधाएं दो से तीन माह के अंदर उपलब्ध कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया.

उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि राजेंद्र बाबू की आदमकद प्रतिमा भी जीरादेई स्टेशन परिसर में लग जायेगी लेकिन करीब आठ माह बीत जाने के बाद भी रेल राज्य मंत्री द्वारा जनता से किये गये वादे पूरा नहीं हो सके.

हां, जीरादेई स्टेशन पर कुछ काम हुए है लेकिन वे कार्य अधूरे होने के कारण फिलहाल यात्रियों को कोई फायदा नहीं. प्लेटफॉर्म संख्या एक पर यात्रियों की सुविधा के नल तो लगे हैं लेकिन नलों में पानी आने के लिए फिलहाल टंकी की व्यवस्था नहीं की गयी है. प्रथम श्रेणी के विश्रमालय का जीर्णोद्धार कर फर्श पर टाइल्स तो लगाये गये हैं. लेकिन निर्माण कार्य चलने के कारण फिलहाल विश्रमालय गोदाम बना हुआ है.

स्टेशन से यात्रा शुरू करनेवाले यात्रियों की सुविधा के लिए कोई न तो प्रतीक्षालय की व्यवस्था है और न बैठने के लिए उचित मात्र में बेंच ही है. स्टेशन पर रेल टिकट काउंटर की व्यवस्था तो है लेकिन यह सुविधा सहायक स्टेशन मास्टर के खाली रहने पर शाम चार से छह बजे तक ही उपलब्ध है.

स्टेशन पर ट्रेनों के परिचालन, सामान्य टिकटों की बिक्री, आरक्षण टिकटों की बिक्री के लिए मात्र एक ही सहायक स्टेशन मास्टर की ड्यूटी लगायी जाती है. तीनों काम एक साथ एक व्यक्ति कैसे करता होगा. इसका सही अंदाज लगाया जा सकता है.

यात्रियों की सुविधा के लिए पंखे लगाने की बात करना, तो सबसे बड़ी मूर्खता होगी. जीरादेई स्टेशन पर यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण कोई भी पर्यटक रात में जीरादेई में रुकना पसंद नहीं करता है.

क्या कहते हैं सहायक स्टेशन मास्टर

रेल द्वारा समय-समय पर यात्री सुविधाओं में बढ़ोत्तरी तो की जाती है लेकिन सामान की चोरी चले जाने से काफी परेशानी होती है. कभी हैंडपंप तो कभी सोलर प्लेट ही चोर चुरा ले जाते हैं. स्टेशन पर कई महीनों से निर्माण कार्य चल रहा है.

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