मैरवा सब स्टेशन में वद्यिुत आपूर्ति में सुधार की राह आसान नहीं
मैरवा सब स्टेशन में विद्युत आपूर्ति में सुधार की राह आसान नहीं 24 हजार से अधिक उपभोक्ता हैं मैरवा सब स्टेशन में 15 मेगावाट बिजली की है आवश्यकता आठ -10 मेगावाट ही बिजली मिलती है ट्रांसफाॅर्मर की क्षमता कम होने से हो रही है परेशानी सबसे अधिक तितरा फीडर में नौ हजार हैं उपभोक्ता तीन […]
मैरवा सब स्टेशन में विद्युत आपूर्ति में सुधार की राह आसान नहीं 24 हजार से अधिक उपभोक्ता हैं मैरवा सब स्टेशन में 15 मेगावाट बिजली की है आवश्यकता आठ -10 मेगावाट ही बिजली मिलती है ट्रांसफाॅर्मर की क्षमता कम होने से हो रही है परेशानी सबसे अधिक तितरा फीडर में नौ हजार हैं उपभोक्ता तीन फीडरों को एक साथ चलाने के लिए 20 एमवीए ट्रांसफॉर्मर की है जरूरत10 व पांच एमवीए का एक-एक ट्रांसफॉर्मर है कार्यरत सीवान . 24 हजार से अधिक उपभोक्ताओं का भार सहन कर रहे मैरवा सब स्टेशन में विद्युत आपूर्ति में सुधार की राह आसान नहीं है. अकेले 15 मेगावाट की मांग करनेवाले इस सब स्टेशन को श्रीनगर सब स्टेशन से काफी नाराजगी है. विभाग द्वारा मैरवा को दी जा रही 33 केवीए की लाइन से श्रीनगर सब स्टेशन जोड़ देने के कारण जहां मैरवा को बिजली बांटनी पड़ रही है, वहीं अपनी जरूरत को पूरा करने व उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने में पीछे रह जा रहा है, जिसके कारण विभाग को भी समय-समय पर उपभोक्ताओं के गुस्सा का सामना कर करना पड़ता है. जरूरत पूरा करने के लिए चाहिए 15 मेगावाट बिजली : विभाग द्वारा मैरवा सब स्टेशन को कम बिजली की आपूर्ति किये जाने से उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने में काफी परेशानी आ रही है. विभाग द्वारा 15 मेगावाट की जगह 10-12 मेगावाट बिजली ही दी जा रही है, जिसमें से 5-6 मेगावाट बिजली श्री नगर सब स्टेशन ले लेता है, जिसके चलते 8-9 मेेगावाट बिजली ही मैरवा को मिल पाती है. इस कारण सभी फीडरों को जरूरत के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है. 20 एमवीए ट्रांसफाॅर्मर की है जरूरत . वर्तमान समय में इस फीडर में 10 एमवीए व पांच एमवीए का एक-एक ट्रांसफाॅर्मर काम कर रहा हैं, जो जरूरत को पूरा करने के लिए काफी नही है. उपभोक्ताओं की बात की जाये, तो मैरवा फीडर में तीन हजार, तितरा फीडर में नौ हजार, दरौली फीडर में छह हजार व गुठनी फीडर में छह हजार उपभोक्ता हैं. तकनीकी पहलू पर ध्यान दिया जाये तो 20 एमवीए का ट्रांसफाॅर्मर लगने के बाद भी सभी फीडर को एक साथ नहीं चलाया जा सकता है. तब भी तीन फीडर ही एक साथ चल सकते हैं. इसके लिए और उच्च क्षमता के ट्रांसफॉर्मर की जरूरत है. वर्तमान समय में औसतन 8-10 घंटे शहरी क्षेत्र में तथा 7-8 घंटे देहाती क्षेत्र में बिजली मिल पा रही है. श्रीनगर सब स्टेशन के जुड़ने से हो रही परेशानी : मैरवा सब स्टेशन को दी जाने वाली 33 केवीए की लाइन से श्रीनगर सब स्टेशन को जोड़ने से काफी दिक्कतें आ रही हैं. कर्मियों की मानें तो सबसे ज्यादा परेशानी फॉल्ट आने पर होती है. श्रीनगर सब स्टेशन में फाॅल्ट आने पर मैरवा सब स्टेशन को भी नुकसान पहुंचता है. क्या कहते हैं पदाधिकारीमैरवा सब स्टेशन के लिए 33 केवीए की लाइन अलग से ली जा रही है. बीआरजीएफ योजना के तहत पोल गाड़ने व तार तानने के काम को लगभग पूरा कर लिया गया है. साथ ही सभी फीडरों में पांच एमवीए के ट्रांसफाॅर्मर लगाने का काम भी कुछ माह में पूरा कर लिया जायेगा. इसके अलावा सब स्टेशन में लगे 15 एमवीए के ट्रांसफॉर्मर की जगह अलग से 5 एमवीए का ट्रांसफाॅर्मर लगाया जा रहा है. शिवम कुमार,एसडीओ,सब स्टेशन,मैरवा