सीवान : गुरुवार को सदर अस्पताल में अधिक संख्या में आनेवाले घायल व्यक्तियों का इलाज करने का एक नया मैनेंजमेंट दिखा. अस्पताल प्रबंध को जब यह सूचना दी गयी कि करीब दो दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल लोग उपचार कराने पहुंचे हैं और एक डॉक्टर व दो कर्मचारियों से इलाज संभव नहीं है.
इस बात पर अस्पताल प्रबंधक ने दो टूक जवाब दिया, नगर थाने की पुलिस को सूचना दे दी गयी है, पुलिस पहुंचती ही होगी. अस्पताल प्रबंधक के इस नये मैनेंजमेंट को कोई समझ नहीं पाया. लोगों को लगा कि शायद नगर थाने की पुलिस सदर अस्पताल में मौके पर पहुंच कर मरीजों का इलाज करेगी.
लेकिन कुछ लोगों ने उपाधीक्षक डॉ एमके आलम को फोन कर सूचन दी,तो वे स्वयं मरीजों का इलाज करने सदर अस्पताल पहुंचे तथा मरीजों का इलाज भी किया. सहायक सराय थाने के टेघड़ा गांव में हुई मारपीट में घायल करीब डेढ़ दर्जन, अमलोरी सरसर व अन्य दो जगहों से करीब आधा दर्जन मरीज उपचार कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टर एक तथा घायल कई थे.
सभी लोग चाहते थे कि उनके मरीज का सबसे पहले इलाज हो. करीब आधा दर्जन मरीज ऐसे थे जिनका सिर फटा था, खून बह रहा था. डॉक्टर भी क्या करते. सभी मरीजों की इंजुरी नोट कर उनका इलाज करना था. इस दौरान एेसी भी स्थिति आ गयी जब मरीज के परिजन डॉक्टर का हाथ पकड़ कर अपने मरीज को दिखाने के लिए ले जाने का प्रयास करने लगे.
लेकिन उपाधीक्षक के आने के बाद मरीजों को कुछ राहत मिली.आये दिन सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है. कुछ माह पहले तक इस प्रकार की स्थिति से निबटने के लिए इमरजेंसी में दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगती थी, लेकिन बाद में इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया.