पचरुखी : बुधवार को अपहृत हरिशंकर की हत्या की खबर जैसे ही मिली, घर पर मातमी सन्नाटा पसर गया. पैतृक गांव जीवी नगर के सकरा में भी कोहराम मच गया. पचरुखी बाजार में भी वीरानी छायी थी. सभी इस कार्रवाई की निंदा कर रहे थे. लोगों का कहना था कि दरिंदों को कड़ी-से-कड़ी सजा मिलनी चाहिए. सदर अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद हरिशंकर का शव परिजन उसके पचरुखी आवास लेकर गये.
शव पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया. माता-पिता, भाई, बहन का रो -रो कर बुरा हाल था. वहीं उसकी पत्नी बेहोश हो जा रही थी. दोनों बच्चे लगातार रोये जा रहे थे. दरिंदों ने इतनी निर्दयता से हरिशंकर की हत्या की थी कि परिजन अंतिम दर्शन भी न कर सके और सिर भी गायब कर दिया था. इसके बाद शव को को लेकर परिजन पैतृक गांव जीवी नगर के सकरा गांव पहुंचे. बुधवार की रात हरिशंकर का अंतिम संस्कार उसके गांव में कर दिया गया. शव को मुखाग्नि उसके इकलौते बेटे हर्षित ने दी.