देश में सहष्णिुता की जड़ें मजबूत

देश में सहिष्णुता की जड़ें मजबूत हरिहर क्षेत्र मेला साधु गाछी के कबीर मत सत्संग शिविर में वक्ताओं ने कहा हरिहर क्षेत्र हाजीपुर. देश में असहिष्णुता पर चल रही बहस के बीच हमें याद रखने की जरूरत है कि भारत में सदियों से सहिष्णुता और सहनशीलता की जड़े मजबूत रही हैं. इतिहास गवाह है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2015 7:54 PM

देश में सहिष्णुता की जड़ें मजबूत हरिहर क्षेत्र मेला साधु गाछी के कबीर मत सत्संग शिविर में वक्ताओं ने कहा हरिहर क्षेत्र हाजीपुर. देश में असहिष्णुता पर चल रही बहस के बीच हमें याद रखने की जरूरत है कि भारत में सदियों से सहिष्णुता और सहनशीलता की जड़े मजबूत रही हैं. इतिहास गवाह है कि जब भी धर्म और मजहब के नाम पर पंडितों और मुल्लाओं ने समाज को असहिष्णुता की ओर धकेलने की कोशिश की, उन्हें निराशा हाथ लगी है. हमारे समाज में आज भी दया, करुणा, प्रेम और भाइचारे का भाव भी प्रबल है. हरिहर क्षेत्र, सोनपुर स्थित साधु गाछी में आयोजित विश्व शांति संगोष्ठी में ये विचार प्रकट किये गये. सद्गुरू कबीर जागू धर्माचार्य स्थान, बिदुपुर द्वारा साधु गाछी में आयोजित सत्संग शिविर के समापन के अवसर पर हुई संगोष्ठी में कबीर पंथी आचार्यों ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि मन की शांति और अध्यात्मिक सुख की प्राप्ति के लिए सद्गुरू की शरण में जाना होगा. संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए आचार्य राम दयाल साहेब ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा मेला के अवसर पर छह दिनों तक चले सत्संग शिविर में भजन एवं प्रवचन के माध्यम से सदगुरु कबीर साहेब और जागू साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम हुआ है, जो सराहनीय है. अखिल भारतीय कबीर विचार मंच के राष्ट्रीय महामंत्री एवं संगोष्ठी के आयोजक महंत साहेब रमेश दास ने कहा कि संत सम्राट कबीर नानकदेव, दादू, पल्टू, दरिया, फरीद, रैदास आदि संतों ने लोगों को विश्व शांति और बंधुत्व का पाठ पढ़ाया. मौके पर डा. विमल बाबुल, साध्वी सुमित्रा, प्रमिला त्यागी जी आदि ने भजन प्रस्तुत किये.

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