नहीं बना सरयू नदी पर पीपा पुल
नहीं बना सरयू नदी पर पीपा पुललोगों को होती है परेशानीपुल के आभाव में बाधित है दो प्रदेशों का संपर्कजाने के लिए तय करनी पड़ती है लंबी दूरी फोटो- 01- अधूरा पड़ा पीपा पुल. दरौली . यूपी व बिहार की सीमा से होकर गुजरने वाली सरयू नदी पर आठ वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये खर्च कर […]
नहीं बना सरयू नदी पर पीपा पुललोगों को होती है परेशानीपुल के आभाव में बाधित है दो प्रदेशों का संपर्कजाने के लिए तय करनी पड़ती है लंबी दूरी फोटो- 01- अधूरा पड़ा पीपा पुल. दरौली . यूपी व बिहार की सीमा से होकर गुजरने वाली सरयू नदी पर आठ वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये खर्च कर पीपा पुल का निर्माण कराया गया था़ इसके बन जाने से दोनों प्रदेशों के लोगों को उम्मीद जगी कि उनका सीधा संपर्क हो जायेगा, मगर बरसात के मौसम व ठेकेदारों की मनमानी व उदासीनता के चलते यूपी सरकार की यह पहल कारगर साबित नहीं हो सकी़ कुछ माह चलने के बाद नदी पर निर्मित पीपा पुल पानी की तेज धार में बह गया, जिसके बाद लोगों का संपर्क बरसात के मौसम में टूट गया़ रही-सही कसर बरसात बीतने के बाद ठेकेदार पूरी कर देते हैं. उनकी लेट-लतीफ के चलते नदी पर बना पीपा पुल एक से दो माह में ही सेवा दे पाता, जिसका ताजा उदाहरण बीती कार्तिक पूर्णिमा के समय चालू हाने वाला मेला बीतने के बाद भी अभी काम तक नहीं शुरू हुआ.बताते चलें कि यूपी व बिहार की सीमा को जोड़ने वाली सरयू नदी पर 2007 में तत्कालीन सपा विधायक मो रिजवी की पहल पर पीपा पुल बनाने का कार्य शुरू हुआ था. इस कार्य में कुल 7़50 करोड़ रुपये खर्च हुए . पीपा पुल तैयार होते ही दोनों प्रदेश के खास कर नदी के सीमावर्ती इलाकों में रहनेवाले लोगों में काफी खुशी हुई, जो पहले यूपी के बलिया जिले व बिहार के सीवान, छपरा, गोपालगंज के लोगों को यूपी के देवरिया जिले के भागलपुर या गोरखपुर के बडहलगंज पुल होकर आना-जाना पड़ता था़ जिससे लोगों को काफी दूरी व दिक्कतों का सामना करना पड़ता था़ इधर, पीपा पुुुुल बन जाने से लोगों में दूरी की कमी, समय की बचत व आसानी से आवागमन हो जायेगा़ लेकिन इसके बाद ठेकेदारों द्वारा मनमानी शुरू कर दी गयी. पहले बरसात के मौसम में पीपा पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद, उसे किनारे लगा कर सुरक्षित ठिकाने पर लगाया जाता था व नदी का जल स्तर कम होने के बाद उसे पुन: दुबारा यातायात के लिए बनाया जाता था, लेकिन स्थिति तो कुछ और ही है़ स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदारों की मनमानी के कारण पुल बनाने में देर होती है़