यूपी के भरोसे पीपा पुल का सफर
यूपी के भरोसे पीपा पुल का सफर पुल निर्माण के तीन वर्ष पूर्व सर्वे के बाद से खटाई में पड़ी योजना15 अक्तूबर से 15 जून तक ही प्रयोग में आता हैपुल के अभाव में बाधित है दो प्रदेशों के लोगों का आवागमनपुल के अभाव में साढ़े चार के बजाय 65 किलोमीटर का करना पड़ता है […]
यूपी के भरोसे पीपा पुल का सफर पुल निर्माण के तीन वर्ष पूर्व सर्वे के बाद से खटाई में पड़ी योजना15 अक्तूबर से 15 जून तक ही प्रयोग में आता हैपुल के अभाव में बाधित है दो प्रदेशों के लोगों का आवागमनपुल के अभाव में साढ़े चार के बजाय 65 किलोमीटर का करना पड़ता है सफरफोटो- 01 अधूरा पड़ा पीपा पुल. दरौली .स्थानीय दरौली से यूपी को नदी मार्ग से जोड़ने की सरकारी योजना पर अगर अमल हुआ, तो हजारों लोगों की जहां दूरियां कम होंगी, वहीं रिश्तों में भी प्रगाढ़ता बढ़ेगी, जिसको लेकर तीन वर्ष पूर्व हुए सर्वे के बाद योजना की स्वीकृति का लोगों को इंतजार है. इधर, हर वर्ष छह माह पीपी पुल जहां सफर में सहारा होता था. इस बार पीपा पुल का निर्माण न होने से लोगों को निराशा हाथ लगी है, जिसका असर दरौली में एक माह तक चलने वाले कार्तिक मेला में देखने को मिल रहा है.पीपा पुल के सहारे छह माह होता है सफर : जिले के दरौली को सरयू नदी पर पीपा पुल पहली बार वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया था. तत्कालीन सपा विधायक मो रिजवी की पहल पर 7़50 करोड़ रुपये खर्च कर पीपा पुल का निर्माण हुआ था, जिससे जिले के अलावा गोपालगंज, मोतिहारी समेत अन्य हिस्सों के लोगों का सफर आसान हो गया था. हालांकि यह पीपा पुल 15 अक्तूबर से 15 जून तक ही प्रयोग में रहता है. शेष दिन में नदी का जलस्तर बढ़ने पर पीपे का हटा दिया जाता है.शेष दिनों में नाव ही सफर का सहारा है. पुल के चलते मात्र साढ़ेचार किलोमीटर दरौली व यूपी के सिकंदरपुर की दूरी रह जाती है. ऐसे में शेष दिनों में सिकंदरपुर जाने में 65 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.अब तक नहीं शुरू हुआ पीपा पुल . 15 अक्तूबर से शुरू होने वाला पुल इस बार समय से चालू नहीं हो सका है.मौके की हकीकत है कि यहां पीपा लगाने का कार्य एक माह बाद भी अधूरा है.अभी भी 10 पीपे लगाये जाने का कार्य अधूरा है. निर्माण में लगी कार्यदायी संस्था पीपा उपलब्ध न होने के कारण अधूरा होने की दलील देकर निर्माण कार्य पूरा करने को लेकर अभी असमंजस में है. ऐसे में वक्त कितना लगेगा, आने वाला समय ही बतायेगा.पीपा पुल चालू न होने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले एक माह के मेले पर भी पुल न तैयार होने का असर साफ दिख रहा है.तीन वर्ष पूर्व हुआ था पक्के पुल निर्माण का सर्वे : बिहार व यूपी को नदी मार्ग से जोड़ने के लिए बिहार सरकार ने वर्ष 2011-12 में सर्वे कराया गया.पुल का हिस्सा बिहार व यूपी दोनों राज्यों में पड़ता है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की निर्माण में हिस्सेदारी के बाद ही पुल का निर्माण हो सकता है.ऐसे में अब तक पुल निर्माण की स्वीकृति नहीं मिली है. हालांकि स्थानीय नागरिक समय-समय पर इसको लेकर आंदोलन करते रहे हैं.