11 बजे तक नाश्ता नहीं, तो भोजन कब
11 बजे तक नाश्ता नहीं, तो भोजन कबहाल दरौली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कादरौली . बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारी बजट खर्च कर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खोलने की सरकारी पहल को उसके संचालक ही कमजोर करने में लगे हैं. संसाधनों के अभाव व अव्यवस्था के चलते शिक्षा इंतजाम बदतर […]
11 बजे तक नाश्ता नहीं, तो भोजन कबहाल दरौली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कादरौली . बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारी बजट खर्च कर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खोलने की सरकारी पहल को उसके संचालक ही कमजोर करने में लगे हैं. संसाधनों के अभाव व अव्यवस्था के चलते शिक्षा इंतजाम बदतर होता जा रहा है. यहां प्रखंड मुख्यालय में राजकीय मध्य विद्यालय के प्रांगण में स्थापित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय अव्यवस्था को खुद-ब-खुद उजागर कर रहा है. मंगलवार को प्रभात खबर टोली ने विद्यालय की व्यवस्था पर नजर दौड़ायी, तो हर तरफ लापरवाही का आलम नजर आया. दिन के 11 बजे तक छात्राओं को नाश्ता तक नहीं दिया था. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि इस आवासीय विद्यालय में कितनी अनियमितताएं हैं. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कुल एक सौ छात्राओं को रख कर पढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन इस विद्यालय में नामांकित 31 छात्राओं में मात्र 12 ही छात्राएं उपस्थित मिलीं. छात्राओं में अंशु कुमारी, प्रियंका कुमारी, वंदना कुमारी, संजु कुमारी, धर्मशीला कुमारी आदि ने बताया कि विद्यालय में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. एक गैस बत्ती के सहारे पठन-पाठन और भोजन हमलोग करतेे हैंं. विद्यालय संचालक द्वारा समय से नाश्ता और भोजन नहीं मिलता है. गंदगी के अंबार के बीच हमलोगों को रहना पड़ता है. वहीं तीन वार्डेन की जगह मात्र एक ही वार्डेन के सहारे पठन-पाठन किया जाता है. इस बाबत संचालक श्याम प्रकाश ने बताया कि पूर्ण रूप से प्रभार नहीं मिलने के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है. उपलब्ध संसाधनों के सहारे बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है.