कालभैरवाष्टमी पर श्वान पूजा से काल बाधा व तंत्र-मंत्र से मुक्ति : शैलेश गुरु जी

कालभैरवाष्टमी पर श्वान पूजा से काल बाधा व तंत्र-मंत्र से मुक्ति : शैलेश गुरु जी फोटो 18 श्रीश्री शैलेश गुरु जी.दराैंदा . श्रीश्री शैलेश गुरु जी ने प्रभात खबर से एक विशेष भेंट में प्रसिद्ध व्रत काल भैरवाष्टमी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मार्ग शीर्ष कृष्णा पक्ष अष्टमी तिथि को काल भैरवाष्टमी कहा जाता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 6:29 PM

कालभैरवाष्टमी पर श्वान पूजा से काल बाधा व तंत्र-मंत्र से मुक्ति : शैलेश गुरु जी फोटो 18 श्रीश्री शैलेश गुरु जी.दराैंदा . श्रीश्री शैलेश गुरु जी ने प्रभात खबर से एक विशेष भेंट में प्रसिद्ध व्रत काल भैरवाष्टमी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मार्ग शीर्ष कृष्णा पक्ष अष्टमी तिथि को काल भैरवाष्टमी कहा जाता है, जो गुरुवार को है़ इसे देवताओं के कोतवाल व दंडाधिकारी काल भैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है़ शैव मत के अनुसार भैरव (बटुक भैरव) पूजा का विशेष महत्व है़ काल भैरव (बटुक भैरव) का वाहन श्वान (कुत्ता) है, अत: इस दिन कुत्ते का पूजन विशेष विधि-विधान के साथ करने से काल बाधा, नजर दोष या तंत्र-मंत्र बाधा से मुक्ति मिलती है़ वहीं शास्त्र का दर्शन है कि मनुष्य जीवन में किया गया कोई भी पाप आज के दिन केवल मात्र काल भैरवजी (बटुक भैरव) के दर्शन मात्र से नष्ट हो जाता है़ गुरु जी ने कहा कि इस तिथि में काशी स्थित पौराणिक काल भैरव, बटुक भैरव, अष्टभैरव मंदिर में रात्रि जागरण कर पूजन का विशेष महत्व है़ इस दिन काल भैरव (बटुक भैरव) मंदिर में जाकर या उनके वाहन श्वान की पूजा विधान के साथ ओम भैरवाय नम:, ओम बं टुकाय नम: मंत्र से किया गया जाप विशेष फलकारी होता है़

Next Article

Exit mobile version