कुहासे से थमने लगी ट्रेनों की रफ्तार, जनजीवन हो रहा अस्त-व्यस्त

सीवान : ट्रेनों में लगातार बढ़ती भीड़ के चलते सफर करना मुश्किल साबित हो रहा है. इस बीच पिछले एक सप्ताह से ठंड बढ़ने का असर ट्रेनों के आवागमन पर भी पड़ रहा है. गोरखपुर व छपरा से आनेवाली ट्रेनों में से अधिकतर ट्रेन दो से तीन घंटे विलंब से चल रही हैं. गोरखपुर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 6:18 PM

सीवान : ट्रेनों में लगातार बढ़ती भीड़ के चलते सफर करना मुश्किल साबित हो रहा है. इस बीच पिछले एक सप्ताह से ठंड बढ़ने का असर ट्रेनों के आवागमन पर भी पड़ रहा है. गोरखपुर व छपरा से आनेवाली ट्रेनों में से अधिकतर ट्रेन दो से तीन घंटे विलंब से चल रही हैं.

गोरखपुर की ओर जानेवाली मरूध्वज एक्सप्रेस छह घंटे लेट गयी. उधर, डाउन गुजरनेवाली अधिकतर ट्रेनों पर कुहासे का असर सबसे अधिक देखने को मिला. बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 6.50 घंटे, जनसेवा एक्सप्रेस 5.53 घंंटे,आम्रपाली एक्सप्रेस 5.03 घंटे व वैशाली एक्सप्रेस तथा मौर्य एक्सप्रेस 2.28 घंटे विलंब से गुजरीं, जिसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

विलंब से चलने वाली ट्रेनेंअप मरूध्वज एक्सप्रेस-6.05 घंटे.डाउन बिहार संपर्क क्रांति-6.50 घंटे.डाउन मौर्य एक्सप्रेस-2.28 घंटे.डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस- 5.03 घंटे.डाउन वैशाली एक्सप्रेस-2.28 घंटे.डाउन जनसेवा एक्सप्रेस-5.53 घंटे.एक सप्ताह तक रहेगा औसतन 14 सेल्सियस तापमानमौसम की मार का असर दिखने लगा है.सुबह में देर तक आसमान में केहासा छाये रहने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग अपने घरों में ही कैद रह रहे हैं.

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक न्यूनतम 13 व अधिकतम 26 डिग्री सेल्सियस तापमान रहेगा.मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 11 दिसंबर को सबसे अधिक बादल छाये रहने की उम्मीद है.तिथि अधिकतम न्यूनतम (अनुमानित)छह दिसंबर 26 13सात दिसंबर 26 14आठ दिसंबर 26 13नौ दिसंबर 26 1410 दिसंबर 25 1611 दिसंबर 26 1812 दिसंबर 23 17बच्चे व बूढ़ों पर भारी पड़ सकती है

मौसम की मारठंड के मौसम में श्वास के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी बढ़ जाती है.इसके अलावा रक्तचाप के मरीजों के लिए मौसम जानलेवा साबित हो जाता है. डाॅ मनीष कुमार के मुताबिक सफाई पर ध्यान न देने की स्थिति में चर्म रोग की भी शिकायत रहती है. बदलते मौसम में बच्चों के निमोनिया व कोल्ड डायरिया से पीड़ित होने का खतरा रहता है. पानी की कमी की मौसम में शिकायत बढ़ जाती है, जिसका असर सेहत पर पड़ता है.

Next Article

Exit mobile version