बड़हरिया : पूरे भारत में स्वच्छता अभियान की धूम मची है. केंद्र व प्रदेश सरकारें ग्रामीण स्वच्छता को लेकर कई अभियान चला रही हैं, लेकिन प्रखंड मुख्यालय में एक भी शौचालय नहीं है, जहां बड़हरिया बाजारवासी शौच के लिए जा सके. मजे की बात तो यह है कि जिस प्रखंड कार्यालय में स्वच्छता के लिए योजनाएं बनती हैं व कार्यान्वयन होता है, उस प्रखंड कार्यालय के परिसर में स्थित सुलभ शौचालय जर्जरता की सारी हदों को पार कर चुका है.
इस सुलभ शौचालय की टंकियों के स्लेब टूट चुके हैं,जिससे यह सार्वजनिक सुलभ शौचालय खुद गंदगी फैलाने लगे हैं. गौरतलब है कि थाना चौक के पास से जिला पर्षद की जमीन में एक शौचालय हुआ करता था, लेकिन 2001 में जिला पर्षद ने उस जमीन पर दुकान बना कर लीज पर दे दिया.
नतीजतन थाना चौके के पुरानी कचहरी के मार्ग में स्थित यह शौचालय नेस्तानाबूद हो गया. हालांकि जब जिला पर्षद की भूमि पर दुकानें बन रही थीं, तो सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मदीना खान के नेतृत्व में विरोध जताया था. अभी पूरे बड़हरिया बाजार में शौचालय नहीं होने का खामियाजा बाजारवासियों व विभिन्न काम को लेकर प्रखंड मुख्यालय आने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है. महिलाओं व छात्राओं को शौचालय नहीं होने से विशेष परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
विदित हो कि यहां भू निबंधन कार्यालय, डाकघर, बैंकों की कई शाखाएं सहित संस्थानों के होने के कारण जनसंख्या का भारी दबाव रहता है. लेकिन पूरे बाजार में शौचालय की कौन कहे, मूत्रालय भी नहीं है. बड़हरिया बाजार में शौचालय बनाने की मांग लगातार उठती रही है, लेकिन इस दिशा में न तो प्रशासन द्वारा कोई पहल की गयी और न किसी जन प्रतिनिधि द्वारा ही इस पर कोई ठोस कदम उठाया गया. चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा आश्वासन जरूर मिला कि बाजार में शौचालय बनवा दिया जायेगा.
क्या कहते हैं बीडीओ प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार सिन्हा ने प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित शौचालय के नकारा होने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि यदि प्रखंड विकास समिति द्वारा शौचालय के निर्माण के लिए अनुमोदन किया जाता है, तो शीघ्र शौचालय बना दिया जायेगा.