विभाग ही दे रहा वद्यिालय में अराजकता को बढ़ावा
विभाग ही दे रहा विद्यालय में अराजकता को बढ़ावा दो डीइओ का अलग-अलग आदेश, आरोपित शिक्षक का नहीं सुधरा कार्यकलाप वित्तीय अनियमितता समेत अन्य आरोपों में किया गया था निलंबित 48 घंटे के अंदर दिया था शिक्षकों के स्थानांतरण का आदेश डीपीओ स्थापना की मनमानी से नहीं निकला आदेश मामला जीरादेई प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय […]
विभाग ही दे रहा विद्यालय में अराजकता को बढ़ावा दो डीइओ का अलग-अलग आदेश, आरोपित शिक्षक का नहीं सुधरा कार्यकलाप वित्तीय अनियमितता समेत अन्य आरोपों में किया गया था निलंबित 48 घंटे के अंदर दिया था शिक्षकों के स्थानांतरण का आदेश डीपीओ स्थापना की मनमानी से नहीं निकला आदेश मामला जीरादेई प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय चंदौली मकतब काफोटो- 01 डीएम महेंद्र कुमार फोटो- 02 प्राथमिक विद्यालय चंदौली मकतब प्रभात पड़ताल इंट्रो:- सरकार शैक्षिक क्षेत्र में विकास और सभी को स्तरीय शिक्षा देने की बात करती है. लेकिन जिले के जीरादेई प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय चंदौली मकतब में पिछले एक दशक से भ्रष्टाचार, अनियमितता व शैक्षिक अआजकता एवं अनुशासन हीनता के कारण विद्यालय की स्थिति खराब है. गबन, निर्माण और अन्य मामलों में आरोपित पूर्व प्रधानाध्यापक विद्यालय में बने हुए है और वे आरोप से बरी किये जा चुके है. इस मामले में दो डीइओ द्वारा अलग-अलग आदेश पारित किया गया है. वहीं बीइओ जीरादेई के दर्जनों बार उक्त शिक्षक की शिकायत के बाद भी ऐसा किया गया है. इतना ही नहीं स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी उन पर कार्रवाई की मांग की है. दो दिनों के अंदर तीन माह से आरोपित शिक्षक को स्थानांतरित करने का डीइओ का आदेश भी डीपीओ कार्यालय का धूल फांक रहा है. संवाददाता, सीवानजीरादेई प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय चंदौली मकतब के प्रधानाध्यापक इकबाल हसन द्वारा करीब एक दशक से जारी अनियमितता और गबन एवं मनमानी के कारण स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और विद्यालय में विरोध प्रदर्शन व तालाबंदी की नौबत के बाद विभागीय कार्रवाई के तहत आरोपित प्रधानाध्यापक इकबाल हसन को तत्कालीन डीइओ महेश चंद्र पटेल ने अपने पत्रांक 594/10.04.12 द्वारा निलंबित कर दिया. फिर जांच और कार्रवाई के बाद एक साल बाद उन्हें निलंबन से मुक्त किया गया और स्पष्ट आदेश दिया गया कि आरोपित श्री हसन इस विद्यालय में प्रभारी के रूप में कार्य नहीं करेंगे. साथ ही निलंबन अवधि के बकाये वेतन पर रोक लगी रही और स्पष्ट आदेश था, अगर इनका क्रिया कलाप संतोष प्रद रहेगा, तो स्थगित वेतन भुगतान पर भुगतान किया जायेगा. लेकिन इसके उलट तत्कालीन डीइओ देवनाथ राम ने अपने ज्ञापांक 1008 दिनांक 19.8.15 द्वारा आरोपित इकबाल हसन के बकाया राशि के भुगतान का आदेश देते हुए निलंबन मुक्त कर दिया. जबकि निलंबन मुक्त बाद भी इकबाल हसन के कार्यकलाप में कोई सुधार नहीं दिखा. जिस पर बीइओ जीरादेई ने बार-बार डीइओ को पत्र लिखा है. ये हैं मुख्य आरोप : 1. बिना शिक्षा समिति की सहमति के विद्यालय कोष से राशि की निकासी.2. एमडीएम का चावल चार माह का 12.80 क्विंटल बेच देना. जिसकी लिखित गलती शिक्षा समिति की बैठक में 17.2.2008 को श्री हसन ने स्वीकार की है. 3. 2005 से 12 तक विद्यालय के छात्रों का नामांकन पंजी तैयार नहीं करना.4. निलंबन अवधि में भी भवन निर्माण की अवशेष राशि 2 लाख 34 हजार की निकासी करना. 5. शिक्षकों की उपस्थिति पंजी के साथ छेड़छाड़ व विद्यालय में नियमित नहीं आना.6. 2005 से 12 तक एसडीजी एवं आरएम मद की राशि गबन करना और विभाग को विद्यालय समिति के अध्यक्ष एवं सचिव का हस्ताक्षर कर उपयोगिता प्रमाणपत्र देना. 7. विद्यालय का माहौल खराब करना और विद्यालय में अमर्यादित भाषा एवं आचरण करना. तीन माह से धूल फांक रहा डीइओ का आदेश : जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अपने पत्रांक 1141 दिनांक 8.9.15 द्वारा प्रशासनिक दृष्टिकोण से दो दिनों के अंदर विद्यालय के पूर्व प्रभारी इकबाल हसन और वर्तमान प्रभारी मनोज कुमार यादव के स्थानांतरण का आदेश डीपीओ स्थापना को दिया और दो दिनों के अंदर कार्रवाई करते हुए अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा. लेकिन इस आदेश के तीन माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और अपने उच्चाधिकारी का आदेश डीपीओ स्थापना दबाये बैठे हैं. इधर, स्थानीय मुखिया मो शाबिर ने डीइओ व आरडीडी छपरा को 15.10.15 व 16.11.15 को दिये आवेदन में विद्यालय में कभी अप्रिय घटना होने और सांप्रदायिक स्थिति उत्पन्न होने की बात कही है. क्योंकि श्री हसन का व्यवहार हमेशा सांप्रदायिक रहता है. साथ ही यह बात भी उल्लेखनीय है कि विद्यालय के वर्तमान प्रभारी मनोज कुमार यादव द्वारा इकबाल हसन की अनियमितता व लापरवाही एवं कार्य कलाप की शिकायत करने पर डीइओ ने बिना किसी गलती के उन्हें भी विद्यालय से हटाने का आदेश दे दिया है. क्या कहते हैं अधिकारीआपके माध्यम से यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. यह बहुत ही गंभीर मामला है. इस संबंध में डीइओ व डीपीओ को तलब किया जा रहा है. लापरवाह अधिकारी दंडित किये जायेंगे. किसी भी हालत में शैक्षिक संस्थान का माहौल बिगड़ने नहीं दिया जायेगा. महेंद्र कुमार, जिलाधिकारी, सीवान