अपग्रेड के बाद भी वद्यिालय उपेक्षा का शिकार
अपग्रेड के बाद भी विद्यालय उपेक्षा का शिकारजमीन पर बैठ कर पढ़ते हैं छात्र फोटो: 02- पेड़ के नीचे पढ़ते बच्चे नौतन . प्रखंड मुख्यालय के राजकीय मध्य विद्यालय सह उत्क्रमित हाइ स्कूल में आज भी सुविधाओं का घोर अभाव है. जहां एक तरफ सरकार शिक्षा के बढ़ावा या सुधार की बात करती है, वहीं […]
अपग्रेड के बाद भी विद्यालय उपेक्षा का शिकारजमीन पर बैठ कर पढ़ते हैं छात्र फोटो: 02- पेड़ के नीचे पढ़ते बच्चे नौतन . प्रखंड मुख्यालय के राजकीय मध्य विद्यालय सह उत्क्रमित हाइ स्कूल में आज भी सुविधाओं का घोर अभाव है. जहां एक तरफ सरकार शिक्षा के बढ़ावा या सुधार की बात करती है, वहीं इस विद्यालय के बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करते हैं. एक तरफ इस विद्यालय को अप ग्रेड कर हाइ स्कूल में अप ग्रेड कर दिया गया और सुविधाओं और संसाधनों पर कोई ध्यान हीं नहीं दिया गया. इससे छात्र आज भी खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं, जो भी सुविधा उपलब्ध हैं वे सब मध्य विद्यालयस्तर की हैं, जिससे हाइ स्कूल का काम चलाया जा रहा है. वहीं मध्य विद्यालय में 800 छात्राएं और 600 छात्र हैं. छात्रों के अनुपात के अनुसार 29 शिक्षक होने अनिवार्य हैं, जबकि 13 शिक्षकों के भरोसे काम चलाया जा रहा है. इस विद्यालय की अन्य समस्याओं पर नजर डाली जाये, तो रात्रि प्रहरी का भी व्यवस्था भी नहीं है. रसोइया भवन भी क्षतिग्रस्त है. वहीं हाइ स्कूल में 350 छात्र-छात्राएं है, इनके लिए छह शिक्षकों के बदले पांच शिक्षक हैं. ऐसे में आज सहज हीं अंदाजा लगा सकते है कि विद्यालय के बच्चों को किस स्तर से शिक्षा दी जाती होगी. इस संबंध में प्रधानाध्यापक जनार्दन प्रसाद ने बताया कि हाइ स्कूल के नाम पर कोई सुविधा नहीं है. फिलहाल उपलब्ध संसाधनों में बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है.