सीवान : बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में मो. शहाबुद्दीन समेत चार को दोषी करार देने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 11 दिसंबर की तिथि मुकर्रर की है. इस बीच न्यायालय के फैसले के बाद कानूनविदों में दुर्लभतम सजा को लेकर विभिन्न तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी हैं. कानून के जानकारों में इस कांड में कम से कम सजा और ज्यादा से ज्यादा सजा को लेकर भी चर्चाओं का दौर शुरू है. मुकदमे से जुड़े विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह ने कहा कि कम-से-कम ऐसे मामले में न्यायालय आजीवन कारावास या सजा-ए-मौत का फैसला सुना सकती है.
सहायक अभियोजक रघुवर सिंह ने पूर्व में ऐसे आये मामलों का हवाला देते हुए कहा कि आजीवन कारावास से कम किसी भी कीमत पर सजा नहीं होगी. इस मामले में मो शहाबुद्दीन को अधिकतम तथा अन्य को उससे कम सजा मिलेगी. अन्य तीन सह अभियुक्तों पर मात्र साजिश व फिरौती के लिए अपहरण का आरोप सिद्ध हुआ है, जिसमें 10 वर्ष से अधिक की सजा हो सकती है.
पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन को 11 साल पहले तेजाब से नहलाकर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है. शहाबुद्दीन को धारा 302, 201, 364 और 120 बी के तहत दोषी पाया गया है.