अब तक ठीक नहीं हुआ शौचालय, छात्राएं व शक्षिक हो रहे परेशान

अब तक ठीक नहीं हुआ शौचालय, छात्राएं व शिक्षक हो रहे परेशान हाल राजकीय कृत प्रोजेक्ट आदर्श कन्या उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज फोटो: 14 राजकीय कृत प्रोजेक्ट आदर्श कन्या उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज. पचरुखी . पचरुखी प्रखंड स्थित राजकीय कृत प्रोजेक्ट आदर्श कन्या उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज में शौचालय की स्थिति ठीक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2015 6:26 PM

अब तक ठीक नहीं हुआ शौचालय, छात्राएं व शिक्षक हो रहे परेशान हाल राजकीय कृत प्रोजेक्ट आदर्श कन्या उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज फोटो: 14 राजकीय कृत प्रोजेक्ट आदर्श कन्या उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज. पचरुखी . पचरुखी प्रखंड स्थित राजकीय कृत प्रोजेक्ट आदर्श कन्या उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज में शौचालय की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण छात्राओं सहिता महिला शिक्षकों को भी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. प्रभात खबर द्वारा 25 नवंबर के अंक में इस समस्या को प्रमुखता से उठाया गया था. उस समय प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा इस समस्या को तत्काल ठीक कराने की बात कही गयी थी. सोमवार को जब प्रभात खबर की टीम ने दूसरी बार विद्यालय का दौरा किया, तो समस्या यथावत थी. उधर, दूसरी ओर विद्यालय में शिक्षकों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक की कार्यशैली पर ही सवाल खड़ा कर दिया. हालांकि उस समय प्रधानाध्यापक डाॅ केके प्रसाद अवकाश पर थे. विद्यालय की छात्राओं के साथ-साथ महिला शिक्षकों ने कहा कि शौचालय की स्थिति ठीक नहीं होने व इसकी संख्या छात्राओं के अनुपात में कम होने के कारण काफी दिक्कतें आती हैं. छात्राओं का कहना था कि उन्हें खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. हालांकि विद्यालय के कुछ शिक्षकों की बात पर गौर करें, तो बहुत-सी छात्राएं दोपहर बाद कक्षा छोड़ कर घर चली जाती हैं. भारत के सामाजिक परिवेश में महिलाओं को जहां शर्म विरासत में मिली है, वहीं दूसरी ओर बहुत से सामाजिक व सांस्कृतिक परिवेश का मुकाबला करना पड़ता है .ऐसे में इस तरह की बाधाओं के बीच पढ़ाई को जारी रखना टेढ़ी खीर से कम नहीं है. विद्यालय की आधारभूत संरचनाओं पर ध्यान दिया जाये, तो इसमें बहुत-सी कमियां हैं. बावजूद इसके कुछ कमियां ऐसी हैं, जिसको इगनोर नहीं किया जा सकता. इसमें से एक विद्यालयों में शौचालयों का होना भी है. विद्यालय में छात्राओं की संख्या नौ सौ से अधिक है, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या वर्ग नवम मेंं पढ़नेवाली छात्राओं की है. पिछले बार भी विद्यालय के प्रधानाध्यापक डाॅ केके प्रसाद नेे शौचालय की वर्तमान स्थिति को इसके लिए इसका प्रमुख कारण माना. बतौर प्रधानाध्यापक श्री प्रसाद ने शौचालय की वर्तमान स्थिति को बहुत अच्छा नहीं माना था. हालांकि उन्होंने छात्राओं के कक्षा छोड़ने की बात का उस समय खंडन किया था. जबकि विद्यालय के अन्य शिक्षक प्रधानाध्यापक की बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका कहना है कि छात्राओं को इस प्रकार का कदम उठाना लाजिमी है. हालांकि प्रधानाध्यापक की अनुपस्थिति में कार्य देख रहे सैयद कलीम अहमद ने इस मामले में कुछ बताने से इनकार कर दिया.

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