दो वर्षों में भी नहीं हो सका केनरा बैंक में हुई चोरी का खुलासा
दो वर्षों में भी नहीं हो सका केनरा बैंक में हुई चोरी का खुलासा गुठनी . जिले के गुठनी स्थित केनरा बैंक से 55 लाख 35 हजार की चोरी के दो वर्ष बीत गये. आज तक पुलिस न तो चोरी गये रुपये बरामद कर सकी और न चोरों तक पहुंच पायी. मालूम हो कि इस […]
दो वर्षों में भी नहीं हो सका केनरा बैंक में हुई चोरी का खुलासा गुठनी . जिले के गुठनी स्थित केनरा बैंक से 55 लाख 35 हजार की चोरी के दो वर्ष बीत गये. आज तक पुलिस न तो चोरी गये रुपये बरामद कर सकी और न चोरों तक पहुंच पायी. मालूम हो कि इस मामले में उस स्कॉर्पियो का चालक जेल में है, जिसे चोरों ने घटना को अंजाम देने के लिए किया था. इस कांड में अंतरप्रांतीय अपराधी दुर्गा,राजा व गेटिया वांछित हैं. विदित हो कि 15-16 दिसंबर ,2013 की रात्रि चोरों ने गुठनी थाने के सामने स्थित केनरा बैंक में वैंटीलेटर व एग्झास फैन के रास्ते घुस कर स्ट्रांग रूम की अलमारी को तोड़ कर 55 लाख 35 हजार की चोरी कर ली थी. बिहार की सबसे बडी घटना होने की वजह से प्रशासन ने गंभीरता से लिया और तत्कालीन एएसपी विवेकानंद के नेतृत्व में जांच अभियान चला और घटना में शामिल स्थानीय मुखिया अफजल हुसैन, सरेया निवासी अनूप मिश्रा व उत्तर प्रदेश के देवरिया से स्कॉर्पियो चालक सुदामा कुश्वाहा की गिरफ्तारी सहित घटना में प्रयुक्त वाहन बरामदगी हुई,मगर मुख्य शातिर अपराधी और चोरी गये रुपये बरामद नहीं हो सके.साइबर कैफे का उद्घाटन गुठनी . गुठनी के तेनुवा मोड़ पर सर्वाेदय स्वयं सहायता के तहत साइबर कैफे का उद्घाटन किया गया. मौके पर डॉ रजनीकांत, राजू कुमार गुप्ता, भालचंद्र तिवारी, मनोज गुप्ता सहित कई अन्य लोग मौजूद थे .शिविर में लिये गये आवेदनपचरुखी. मंगलवार को प्रखंड मुख्यालय पर दाखिल-खारिज के लिए कैंप लगाया गया, जिसमें पचरुखी, सरौती, गोपालपुर व मखुनुपुर पंचायत के आवेदकों ने आवेदन पत्र जमा किया. साथ ही राजस्व लगान की वसूली की गयी. कैंप में सीओ गिन्नी लाल प्रसाद, अंचल निरीक्षक शंभु नाथ चौधरी, राजस्व कर्मचारी नासिर अहमद, हरिहर सिंह, रामप्रवेश साहू व अन्य कर्मी मौजूद थे. कैंप में 18 आवेदन तथा सात हजार दो सौ रुपये का राजस्व की वसूली की गयी. सड़क जर्जर होने से लोगों को हो रही परेशानीजामो . जामो-हरिदया रोड जर्जर हो जाने के कारण आवागमन में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जामो से सिरिसया तक गोरेयाकोठी रोड तक तो सड़क पक्की बनी, लेकिन सिरिसया मोड़ के बाद से यह सड़क आज तक ईंटीकरण से आगे नहीं बन पायी. यही एक सड़क है जो सीवान से सीधे लकडी नबीगंज तक जाती है. 15 किलोमीटर का रास्ता इतना कठिन तथा जर्जर है कि वाहनों का चलना कौन कहे पैदल भी चलना मुश्किल है. कई बार इस मार्ग पर वाहन दुर्घटना हो चुकी है.