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सीवान : शहर के कचहरी परिसर में मौजूद मालखाना पिछले सात माह से लावारिस हालत में है. इसका कब ताला टूट गया, इसकी खबर न तो न्याय विभाग के जुड़े किसी पदाधिकारी को है और न ही सुरक्षा का जिम्मा लिये नगर थाना को है.ऐसे में लावारिस के रूप में बरकरार कोर्ट मालखाना का असली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2015 3:24 AM

सीवान : शहर के कचहरी परिसर में मौजूद मालखाना पिछले सात माह से लावारिस हालत में है. इसका कब ताला टूट गया, इसकी खबर न तो न्याय विभाग के जुड़े किसी पदाधिकारी को है और न ही सुरक्षा का जिम्मा लिये नगर थाना को है.ऐसे में लावारिस के रूप में बरकरार कोर्ट मालखाना का असली मालिक कौन है यह न्याय विभाग व पुलिस विभाग खुद तय नहीं कर पा रहा है.

कचहरी परिसर में जिला अभियोजन कार्यालय व जिला कोषागार कार्यालय के मध्य में मौजूद कोर्ट मालखाना को लेकर चर्चा जारी है.मालखाना के मुख्य गेट का ताला व दरवाजा टूटने की खबर जब कचहरी में मौजूद अधिवक्ता व अन्य के बीच शुरू हुई,तो यह मालखाना चर्चा में आया.

जिला अभियोजन कार्यालय में तैनात एक कर्मी ने कहा कि मई माह से ही मालखाना का दरवाजा व ताला टूटा हुआ है.खास बात है कि मालखाना मुकदमों की कार्रवाई के लिहाज से साक्ष्य के मामले में महत्वपूर्ण साबित होता है.न्यायालय के आदेश पर पुलिस द्वारा साक्ष्य के लिए जब्त की गयी सामग्री यहां रखी जाती है.

ऐसे में न्याय विभाग के नजर में यह गोपनीय व अति महत्वपूर्ण विभाग है.इसके बाद भी इसके संरक्षण व सुरक्षा के प्रति प्रशासन कितना लापरवाह है,यहां के हालात खुद बयां कर रहे हैं.मामले की तह में जाने पर पता चला कि यहां पूर्व में मालखाना के प्रभारी एएसआई कुंअर प्रताप सिंह थे.जिनका तीन वर्ष पूर्व सीतामढ़ी जिले के लिए स्थानांतरण हो गया.बताया जाता है कि वहां से कुंअर प्रताप सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं.इसके बाद से इसका प्रभार किसे दिया गया.यह कोई बताने को तैयार नहीं है.

न्याय विभाग की दलीलें : जिला अभियोजन पदाधिकारी एके सुमन कहते हैं कि मालखाना का दरवाजा व ताला टूटा हुआ है.इसकी जानकारी हमे नहीं है.श्री सुमन पिछले मई 2013 से तैनात है.वे खुद कहते हैं कि यहां कोर्ट में पेश किये गये साक्ष्य से संबंधित सामग्री रखी जाती है.इसके बाद भी वे इससे अनभिज्ञता जतायी है.

पुलिस विभाग की दलीलें : नगर थाना के इंसपेक्टर प्रियरंजन का कहना है कि मालखाना के ताला टूटे होने से संबंधित हमें कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई इस मामले में प्राथमिकी दर्ज है.उनके दलीलों के साथ ही यह महत्वपूर्ण बात है कि मालखाना की सुरक्षा में नगर थाना की प्रमुख जिम्मेदारी है.इसके अलावा यहां गार्ड भी तैनात हैं.इसके बाद भी पुलिस विभाग इसे संज्ञान में लेने को तैयार नहीं है

क्या कहते हैं अधिकारी

कोर्ट मालखाना की जिम्मेदारी कोर्ट पदाधिकारियों की है.उसका प्रभारी किस पुलिस पदाधिकारी को बनाया गया है.यह मेरे संज्ञान में नहीं है.इसकी तहकीकात कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.

अरविंद गुप्ता, एएसपी,सीवान

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