फर्जी प्रमाणपत्र पर नियुक्त 11 शिक्षक हुए बरखास्त
सीवान : जिले के मध्य विद्यालयों में कार्यरत 11 शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने के आरोप में बरखास्त कर दिया गया. ये सभी शिक्षक विभिन्न 10 प्रखंडों के 11 विद्यालयों में कार्यरत थे. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शासन के संयुक्त शिक्षा सचिव के आदेश पर शिक्षकों को बरखास्त करने की कार्रवाई की है. […]
सीवान : जिले के मध्य विद्यालयों में कार्यरत 11 शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने के आरोप में बरखास्त कर दिया गया. ये सभी शिक्षक विभिन्न 10 प्रखंडों के 11 विद्यालयों में कार्यरत थे. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शासन के संयुक्त शिक्षा सचिव के आदेश पर शिक्षकों को बरखास्त करने की कार्रवाई की है.
उच्च न्यायालय में दायर कांति कुमारी व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य में फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने संबंधित दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) शिक्षा विभाग बिहार व सचिव बिहार कार्मचारी चयन आयोग पटना की दो सदस्यीय कमेटी द्वारा जांच करायी गयी,जिसमें ये पाया गया कि ये मुजफ्फपुर जिले के अराजकीय प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय बालू घाट से प्रशिक्षित हैं. जांच में ये संस्थान मान्यता विहीन पाये गये. इसी तरह वैशाली शेष पेज 15 पर
फर्जी प्रमाणपत्र पर..
जिले के करताहा स्थित लार्ड बुद्धा मिशन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की भी मान्यता विभाग से नहीं है. इन प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्र को फर्जी मानते हुए सेवा समाप्त करने का संयुक्त सचिव ने आदेश जारी किया है, जिसके क्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बरखास्तगी का कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किया है. बरखास्त शिक्षकों में उत्क्रमित मध्य विद्यालय हसनुपरा के सहायक अध्यापक मिथिलेश्वर प्रसाद सिंह, बसंतपुर प्रखंड नगरी के अशोक कुमार,
दरौली प्रखंड के अमरपुर के हरे राम यादव, बड़हरिया प्रखंड के सियाड़ीकर्ण के नरेंद्र प्रसाद सिंह व पहाड़पुर के योगेंद्र कुमार राय, दरौंदा में बगौरा पश्चिमी के राम अखिलेश ठाकुर, सिसवन में ग्यासपुर के राजेंद्र मांझी, आंदर में पतेजी के नागेंद्र कुमार पाठक, जीरादेई में खरगीरामपुर के रामदयाल झा, लकड़ीनबीगंज में नवीन कुमार सिंह, हुसैनगंज में गोपालपुर के हरि नारायण यादव शामिल हैं.