पिजड़े में बंद परिंदों को आजाद कराते हैं अब्दुल जब्बार

10 वर्षों से शिकारियों की कैद से आजाद कराते हैं पंछी करीब एक हजार परिंदों को कर चुके हैं आजाद सीवान : दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो तरह-तरह के शौक रखते हैं. हुसैनगंज थाने के मड़कन निवासी हाजी अब्दुल जब्बार पेशे से तो व्यवसायी हैं, लेकिन इनका एक अलग तरह का शौक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2016 3:59 AM

10 वर्षों से शिकारियों की कैद से आजाद कराते हैं पंछी

करीब एक हजार परिंदों को कर चुके हैं आजाद
सीवान : दुनिया में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो तरह-तरह के शौक रखते हैं. हुसैनगंज थाने के मड़कन निवासी हाजी अब्दुल जब्बार पेशे से तो व्यवसायी हैं, लेकिन इनका एक अलग तरह का शौक है. अब्दुल जब्बार शिकारियों के पिंजड़ों में अंद परिंदों को खरीद कर उन्हें आजाद कराते हैं. पिंजड़ों में कैद परिंदों को आजाद कराने का शौक इनको करीब दस वर्ष पहले हुआ. तब से लेकर आज तक ये करीब एक हजार से अधिक परिंदों को आजाद करा चुके हैं.
पंक्षियों को आजाद कराने में इनकी आमदनी का एक मोटा हिस्सा खर्च हो चुका है. इसके बावजूद इनके परिवार का का इस नेक काम में सहयोग ही मिला है. अब्दुल जब्बार ने बताया कि जिस प्रकार किसी बेबस इनसान को मदद करने से दिल को खुशी होती है, उसी प्रकार शिकारियों की कैद से परिंदों को आजाद कराने में होती है.
ऐसी बात नहीं है कि अब्दुल जब्बार ने सिर्फ सस्ते बिकने वाले परिंदों को आजाद कराया है. बल्कि ये महंगे दाम में बिकने वाले परिंदों को बिना भी एक पल सोचे आजाद करा देते हैं. उन्होंने बताया कि पंक्षियों को कैद करके नहीं रखना चाहिए.

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