झारखंड से कानुपर तक फैला है साहिनुर गैंग का जाल
झारखंड से कानुपर तक फैला है साहिनुर गैंग का जालसीवान . बांग्लादेश से घुसपैठ कर भारत में अपराध का खेल खेलने वाले साहिनुर गैंग का भंडाफोड़ कर पुलिस एक बड़ी कामयाबी मिलने का दावा कर रही है. पुलिस ने बांग्लादेशी पांच बदमाशों सहित 12 अपराधियों के पास से हथियार, लूट के सामान, मोबाइल, नकद रूपये […]
झारखंड से कानुपर तक फैला है साहिनुर गैंग का जालसीवान . बांग्लादेश से घुसपैठ कर भारत में अपराध का खेल खेलने वाले साहिनुर गैंग का भंडाफोड़ कर पुलिस एक बड़ी कामयाबी मिलने का दावा कर रही है. पुलिस ने बांग्लादेशी पांच बदमाशों सहित 12 अपराधियों के पास से हथियार, लूट के सामान, मोबाइल, नकद रूपये बरामद करने के आधार पर इनके अपराध के खेल का भंडाफोड़ किया. एएसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने बताया कि इन बदमाशों का डेढ़ साल से गोपालगंज, सीवान, छपरा, झाखंड के सिंहभूमि व कानपुर तक इनका अपराध का खेल होता था. सभी बदमाश पुलिस के डर से अपना नाम व पता बदल-बदल कर लूट व अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे. इस गैंग का मुख्य सक्रिय सदस्य इसराफिल की पुलिस को तलाश है. छापेमारी के दौरान वह पुलिस को चकमा दे कर भाग निकला. हालांकि पुलिस ने उसकी पत्नी को लूट के सामान के साथ गिरफ्तार कर लिया है.लोगों ने बरामद लूट के सामानो की पहचान की : अपराधियों के पास से बरामद सामान की पीड़ित परिवार के सदस्यों ने बुधवार को मुफस्सिल थाने में आकर पहचान की. गिरफतार सभी बदमाश फेरी का काम करते हैं. पुलिस का कहना है कि बदमाश फेरी के बहाने घरों की रेकी करते और उसके बाद रात में घटनाओं को अंजाम देते थे. बदमाशों की गिरफ्तारी पुलिस की कामयाबी या नाकामी : करीब डेढ़ साल से नगर थाने के मकदुम सराय मुहल्ले में बांग्लादेश से आकर करीब आधा दर्जन बदमाश डेढ़ साल से रह रहे थे और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. इन लोगों ने स्थानीय नाम व पते पर आधार कार्ड व वोटर आइडी कार्ड बना कर अपने को भारतीय नागरिक होने का प्रमाण इकट्ठा कर लिया था. जिला मुख्यालय में बहुत ऐसे मुहल्ले हैं, जिसमें बाहरी व्यक्ति आ कर रहते हैं तथा व्यवसाय करते हैं. पुलिस ने ऐसा कोई निर्देश मकान मालिकों को नहीं दिया है कि किरायेदारों की सूचना वह स्थानीय थाने को दे. इसी बात का फायदा उठा कर बाहरी व्यक्ति आकर अासानी से शरण ले लेता है.