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पहले पुलिस ने दे दी बेल, फिर कोर्ट से जारी हुआ वारंट

पहले पुलिस ने दे दी बेल, फिर कोर्ट से जारी हुआ वारंट मामला दुष्कर्म के आरोपित मस्तान बाबा पर वारंट का समय पर पुलिस द्वारा रिपोर्ट नहीं जमा करने से हुई कार्रवाई रिपोर्ट में पहले ही हटायी जा चुकी है दुष्कर्म की धारा सीवान. शासन व प्रशासन की गलती का खामियाजा हमेशा आम आदमी को […]

पहले पुलिस ने दे दी बेल, फिर कोर्ट से जारी हुआ वारंट मामला दुष्कर्म के आरोपित मस्तान बाबा पर वारंट का समय पर पुलिस द्वारा रिपोर्ट नहीं जमा करने से हुई कार्रवाई रिपोर्ट में पहले ही हटायी जा चुकी है दुष्कर्म की धारा सीवान. शासन व प्रशासन की गलती का खामियाजा हमेशा आम आदमी को ही भुगतना पड़ता है. अपने चचेरी बहन का शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का आरोपित जीवी नगर के रोजागढ़ निवासी असगर अली उर्फ मस्तान बाबा पहले पुलिस की पकड़ से भागता रहा, फिर जांच में दुष्कर्म के मामले की पुष्टि नहीं होने और इसे जमीन विवाद का मामला बताते हुए दुष्कर्म के आरोप से बरी करने का आदेश डीआइजी व एसपी के पर्यवेक्षण में आने पर असगर अली को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया. फिर इस मामले में न्यायालय द्वारा वारंट निर्गत होने से वह भागने पर विवश है और जमानत के लिए गुहार लगा रहा है. पटना हाइकोर्ट व डीआइजी के आदेश पर एसपी सौरभ कुमार साह ने अपनी पर्यवेक्षण रिपोर्ट में महिला थाना कांड संख्या 105/13 व जीवी नगर कांड संख्या 358/13 को समायोजित करने का आदेश दिया और इससे दुष्कर्म आदि की धाराओं को विलोपित करते हुए यह जमानत श्रेणी का हो गया. इससे पूर्व केस के आइओ, इंस्पेक्टर से लेकर डीआइजी द्वारा भी दुष्कर्म के आरोप को सही नहीं पाया गया था और पूर्व से ही इन दोनों परिवारों के बीच जमीन विवाद की बात सामने आयी थी, जिसको लेकर एसडीएम महाराजगंज के यहां 107 का केस चल रहा था. जमीन विवाद होने पर पहले जीवी नगर थाना कांड संख्या 358/13 दर्ज कराया गया था. उसी के आधे घंटे बाद महिला थाने में 105/13 दर्ज करा दिया गया. आरोपित मस्तान बाबा व नूर जहां सगे -चचेरे भाई -बहन है और पहले के केस में भी दोनों तरफ से मुकदमा हुआ था, जिसमें दोनों नामजद थे. ऐसे में सदर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज पटना में हुए जांच में दुष्कर्म के आरोप की पुष्टि नहीं हो सकी. इस मामले में सह आरोपित व मस्तान के भाई सौकत अली, जो इस मामले में जेल भी जा चुका है, का कहना है कि साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही है. अब जब उसका भाई मस्तान को दुष्कर्म के आरोप से मुक्ति मल चुकी है और दोनों कांडों एक करते हुए इसे 341,323 का वैलेबुल बना दिया गया है और वह पुलिस बेल भी ले चुका है. ऐसे में पुलिस की लापरवाही के कारण और समय से कोर्ट में प्रतिवेदन नहीं देने से वारंट निर्गत होने पर वह पुन: भागने को विवश है.

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