चंचल मन ही असफलता का कारण : प्रज्ञा नंद

चंचल मन ही असफलता का कारण : प्रज्ञा नंद फोटो 25 प्रवचन करते प्रज्ञानंद महाराज. सीवान. नगर के डीएवी मोड़ के समीप स्थित निराला नगर में मानस मंदाकिनी समिति व भगवान श्री कृष्ण परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय गीता सत्संग प्रवचन के अंतिम दिन प्रवचन के दौरान प्रज्ञा नंद महाराज ने कहा कि मन की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 6:27 PM

चंचल मन ही असफलता का कारण : प्रज्ञा नंद फोटो 25 प्रवचन करते प्रज्ञानंद महाराज. सीवान. नगर के डीएवी मोड़ के समीप स्थित निराला नगर में मानस मंदाकिनी समिति व भगवान श्री कृष्ण परिवार द्वारा आयोजित सात दिवसीय गीता सत्संग प्रवचन के अंतिम दिन प्रवचन के दौरान प्रज्ञा नंद महाराज ने कहा कि मन की चंचलता ही असफलता का कारण बनती है. क्योंकि मन बड़ा चंचल है. मन को वस में करना जैसे हवा को रोकने जैसा बड़ा ही दुस्कर है. मन को वश में कैसे किया जाये, इस पर भगवान श्री कृष्ण ने गीता में उपाय बताया है. गीता में भगवान श्री कृष्ण कहा है कि यह अभ्यास और वैराग्य से वश में हो जाता है. इस दौरान भंडारा का भी आयोजन हुआ, जिसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया. मौके पर समिति के अध्यक्ष पंडित गोवर्धन शर्मा, अधिवक्ता इष्टदेव तिवारी, मोहन शर्मा, ललन मिश्र, ब्रह्मानंद सिंह, चंद्रशेखर प्रसाद, ए रंजन, अशोक सिंह, सुजीत श्यामजी अग्रवाल उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version