रबी फसल की पैदावार को लेकर किसान हैं उत्साहित

सीवान : खरीफ फसल की पैदावार इस बार निराशाजनक रही. फसल के प्रतिकूल मौसम व लचर सरकारी सिंचाई इंतजाम के कारण लक्ष्य से उत्पादन काफी कम रहा, जिसका असर अब तक धान खरीद के अभियान में भी दिख रहा है. इसके बाद एक बार फिर किसान गेहूं की पैदावार के प्रभावित होने की आशंका को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2016 4:22 AM

सीवान : खरीफ फसल की पैदावार इस बार निराशाजनक रही. फसल के प्रतिकूल मौसम व लचर सरकारी सिंचाई इंतजाम के कारण लक्ष्य से उत्पादन काफी कम रहा, जिसका असर अब तक धान खरीद के अभियान में भी दिख रहा है. इसके बाद एक बार फिर किसान गेहूं की पैदावार के प्रभावित होने की आशंका को लेकरी चिंतित रहे. बोआई के दौरान अपेक्षित नमी न रहने से शुरुआत ही खराब रही है. गेहूं के पौधों के अब तेजी से वृद्धि करने का यह वक्त है. इस समय खेतों की सिंचाई की सबसे अधिक जरूरत महसूस की जा रही है. ऐसे वक्त पर अचानक हल्की बारिश से अचानक किसानों का उत्साह बढ़ गया है.

28.56 लाख िक्वंटल गेहूं उत्पादन का है लक्ष्य : जिले में गेहूं उत्पादन का अनुमानित लक्ष्य 28 लाख 56 हजार कुंतल है. विभाग के मुताबिक प्रति हेक्टेयर 25 से 30 कुंतल गेहूं का उत्पादन होता है. ऐसे में जिले में एक लाख दो हजार हेक्टेयर गेहूं बोआई का लक्ष्य रहा है, जिसमें लक्ष्य के अनुरूप 70 फीसदी बोआई हुई है,
जिसके अनुसार उत्पादन को लेकर किसान उम्मीद लगाये हैं.
सरकारी सिंचाई इंतजात ध्वस्त होने से बारिश का भरोसा : जिले के तकरीबन 30 फीसदी हिस्से में ही सरकारी सिंचाई इंतजाम हैं. इसमें भी अधिकतर नलकूप विद्युत व यांत्रिक खराबी के चलते बंद पड़े हैं. यही नहीं नलकूपों की अधिकतर नालियाें को भी लोगों ने पाट दिया है. ऐसे में अधिकतर किसान स्वयं के साधन व बरसात के भरोसे रहते हैं. दो दिनों की बारिश से किसानों का उत्साह बढ़ा है.
पर्याप्त यूरिया की है उपलब्धता : गेहूं की बोआई की शुरुआत के साथ ही अब तक का यूरिया का आवंटन पर्याप्त है. कृषि विभाग के मुताबिक 18 हजार 674 एमटी यूरिया का भंडारण है, जबकि अनुमानित खपत 11 हजार 585 एमटी है. ऐसे में यूरिया के संकट की चिंता भी दूर हो गयी है. ऐसे हालात से उर्वरक कारोबारी अपेक्षित मुनाफा न होने की आशंका से चिंतित हैं.
कृषि वैज्ञानिक बारिश को मान रहे अनुकूल : शरद मौसम में गेहूं की फसल के लिए लगातार पड़नेवाला कोहरा लाभदायक होता है. इस बार शुरुआत से ही अन्य वर्षों की अपेक्षा कम कोहरा रहा, जिसके चलते किसान पैदावार को लेकर चिंतित थे. इस बीच अचानक दो दिनों तक हुई बारिश से किसान बेहतर पैदावार को लेकर आशान्वित हुए हैं.
भगवानपुर हाट स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डाॅ आरपी प्रसाद का कहना है कि गेहूं के लिए बारिश के बाद मौसम अब तक अनुकूल है. तापमान कम होने से आलू, टमाटर, गोभी समेत अन्य कई फसलों में झूलसा रोग की आशंका बढ़ गयी है.धूप न निकलने तथा पूरवा हवा बहने की स्थिति में लाही गिरने से सरसों की फसल प्रभावित हो सकती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
किसानों की मांग के अनुसार जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है. ऐसे में उर्वरक के कालाबाजारी की आशंका नगण्य है. इसके बाद भी विभाग छापेमारी कर कालाबाजारी पर नजर रख रहा है. रबी की बेहतर पैदावार होने की उम्मीद है. नयी कृषि तकनीकों के प्रति किसानों का रूझान भी बढ़ा है.
राजेंद्र कुमार वर्मा, जिला कृषि पदाधिकारी,सीवान

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