आम बजट-2016 : किसी ने सराहा, तो किसी ने नकारा

गांव से लेकर शहर तक टीवी पर टिकी रहीं लोगों की निगाहें सीवान : सोमवार को संसद में पेश हुए आम बजट पर सबकी निगाहें टिकी रहीं. लोगों की आम जरूरत की चीजों के महंगा होने पर जहां नाराजगीजतायी गयी, वहीं स्वास्थ्य व कृषि क्षेत्र में नयी घोषणाओं पर लोगों ने प्रसन्नता जतायी. आम बजट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2016 8:38 AM
गांव से लेकर शहर तक टीवी पर टिकी रहीं लोगों की निगाहें
सीवान : सोमवार को संसद में पेश हुए आम बजट पर सबकी निगाहें टिकी रहीं. लोगों की आम जरूरत की चीजों के महंगा होने पर जहां नाराजगीजतायी गयी, वहीं स्वास्थ्य व कृषि क्षेत्र में नयी घोषणाओं पर लोगों ने प्रसन्नता जतायी. आम बजट से लोगों के सीधे जुड़े रिश्तों का असर उनकी बेचैनी में भी दिखा. लोकसभा में बजट पेश करने की सूचना पर शहर से लेकर गांवों तक में लोग टीवी पर नजर गड़ाये रहे.
वित्त मंत्री अरुण जेटली का भाषण ज्यों-ज्यों आगे बढ़ता गया, लोगों में चर्चाएं भी तेज होती गयीं. किसी ने कई प्रमुख घोषणाओं को सराहा, तो कई लोगों ने आम आदमी की बजट में कोई झलक न दिखने का आरोप लगाया. बजट का हाल जानने के लिए महिलाओं तक में रुचि दिखी. उनकी नजर किचेन से लेकर सौंदर्य प्रसाधन पर लगी रही.
डायलिसिस की सुविधा महत्वपूर्ण तो कीमतों में बढ़ोतरी से आमजन परेशान
दलों की नजर में आम बजट
गरीबों से लेकर आम आदमी को राहत पहुंचानेवाला यह बजट है. प्रधानमंत्री सड़क योजना पर 19 हजार करोड़ व गांवों के विकास के लिए पर्याप्त धन सराहनीय कदम है. प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास के सिद्धांतों पर आधारित बजट है. बीपीएल परिवारों के लिए सब्सिडी युक्त एलपीजी कनेक्शन से लेकर अब सदर अस्पतालों में भी डायलिसिस की सुविधा महत्वपूर्ण कदम है.
ओमप्रकाश यादव, भाजपा सांसद,सीवान
बजट में किसानों, मजदूरों, नौजवानों सहित मध्यम वर्ग पर कोई फोकस नहीं किया गया है. इन वर्गों को कोई रियायत नहीं दी गयी है. अच्छेदिनों का वादा करनेवाली सरकार ने इन्हें भुला दिया है. इन वर्गों के उत्थान के लिए बजट में कोई जिक्र नहीं है. मौजूदा बजट से लोगों की मुश्किलेंऔर बढ़ेंगी.
उमेश कुमार, मीडिया प्रभारी, राजद
बजट पर लोगों ने जतायी प्रतिक्रिया
आम बजट से और महंगाई बढ़ेगी. रेल टिकट, केबल, बिल, फोन बिल, कार, ब्रांडेड व रेडिमेड कपड़ाें समेत अन्य सामान के दाम बढ़ेंगे, जिसका असर लोगों की जेब पर पड़ेगा. लोगों को अतिरिक्त रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
गांधी सिंह, किसान
बजट में गांवों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया गया है. फसल बीमा पर 55 सौ करोड़ रुपये के खर्च से किसानों को लाभ मिलेगा. स्वच्छ भारत अभियान पर नौ हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना सराहनीय कदम है.
राकेश कुमार, शिक्षक
आम आदमी के बजाय बजट से कारपोरेट जगत को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गयी है. लोगों की आम जरूरतों की चीजें महंगी होने से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. रेल टिकट व कोयला की कीमत बढ़ने का अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा.
रवींद्र यादव, छात्र
बजट में देश भर में 38 हजार 5 सौ करोड़ रुपये मनरेगा तथा पांच लाख कुआं व तालाब की खुदाई करने की योजना से गांवों का कायाकल्प होगा. देश भर में तीन लाख जेनरिक दवाओं की दुकान तथा सदर अस्पताल में डायलिसिस
की सुविधा से लोगों को लाभ मिलेगा.
मनन सिंह, व्यवसायी

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