बूंदाबांदी से घरों में दुबके रहे लोग
अगले दो दिनों तक ठंड का रह सकता है असर मौसम ने ली करवट सीवान : सोमवार को अचानक मौसम के करवट लेने के साथ ही हुई बूंदाबांदी से जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ा. ज्यादातर लोग बारिश के चलते अपने घरों में ही कैद रहे, तोआवश्यक कार्यवश आये लोग सड़कों पर भिगते हुए नजर आये. […]
अगले दो दिनों तक ठंड का रह सकता है असर
मौसम ने ली करवट
सीवान : सोमवार को अचानक मौसम के करवट लेने के साथ ही हुई बूंदाबांदी से जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ा. ज्यादातर लोग बारिश के चलते अपने घरों में ही कैद रहे, तोआवश्यक कार्यवश आये लोग सड़कों पर भिगते हुए नजर आये. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों तक ठंड का असर बरकरार रहने की उम्मीद है.
न्यूनतम तापमान पहुंचा 17 डिग्री सेल्सियस : अचानक बारिश व पछुआ हवा ने जाड़े के मौसम की एक बार फिर याद दिला दी. सुबह से ही रुक-रुक कर रिमझिम बारिश होती रही.अपने घरों से हल्के कपड़े में निकले लोगों को अचानक बारिश ने ठिठुरने को मजबूर कर दिया. मौसम विभाग के मुताबिक, तापमान गिर कर 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. वहीं, अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया. इस कारण ठंड से लोग परेशान रहे.
तीन दिनों तक मौसम का यही रहेगा रुख : मौसम विभाग के अनुसार, लगातार तीन दिनों तक मौसम कमोबेश ऐसा ही रहने की उम्मीद है. अनुमान के मुताबिक, मंगलवार को न्यूनतम 18 डिग्री तथा अधिकतम 30 डिग्री व बुधवार को न्यूनतम 16 व अधिकतम 31 डिग्री सेल्सयस तापमान रहने की संभावना है. बुधवार को भी हल्की बारिश होने की उम्मीद है. मौसम में आये अचानक बदलाव से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.
बारिश से किसानों की बढ़ी चिंता : बारिश रबी के मौसम के लिए खतरनाक मानी जा रही है. बारिश के साथ ओला वृष्टि की स्थिति में दलहन, तिलहन से लेकर गेहूं की फसल के बरबाद होने की चिंता है. बारिश के बाद तेज हवा की स्थिति में विशेष रूप से गेहूं के उत्पादन में प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है. इससे किसान बहुत ही चिंतित हैं. अन्य कई स्थानों पर ओलावृष्टि होने से हुए भारी नुकसान की पुनरावृत्ति होने की आशंका से किसान भयभित हैं.
सेहत खराब कर सकती है ये बारिश : फसलों के लिए जहां यह बारिश खतरनाक है, वहीं यह स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ सकती है. इस मौसम के बदलाव के वक्त पर वायरल फीवर, मलेरिया, टाइफाइड व बच्चों में न्यूमोनिया होने का सबसे अधिक खतरा रहता है. इसको लेकर सावधानी बरतने की चिकित्सक सलाह देते हैं. वहीं, मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से संक्रामक बीमारी का खतरा भी है.