शाम अब नहीं रहेगी गुलजार
बड़हरिया : सरकार शराबबंदी को लेकर तरह तरह की रणनीतियां बना रही है. उसे लागू करने के लिए नयी तरकीबें सोच रही है. इससे शराब पीनेवालों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है. वैसे तो प्रखंड के सभी चौक-चौराहों व बाजारों पर शराब धड़ल्ले से मिलती रही है. वहीं, अवैध शराब का कारोबार प्राय: सभी […]
बड़हरिया : सरकार शराबबंदी को लेकर तरह तरह की रणनीतियां बना रही है. उसे लागू करने के लिए नयी तरकीबें सोच रही है. इससे शराब पीनेवालों की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है. वैसे तो प्रखंड के सभी चौक-चौराहों व बाजारों पर शराब धड़ल्ले से मिलती रही है. वहीं, अवैध शराब का कारोबार प्राय: सभी गांवों में कायम था. इस शराबबंदी कानून के अमल में आने के बाद चौक चौराहों की शाम को सजने वाली महफिले नहीं सज पायेंगी.
अवैध शराब की बिक्री बंद-सी हो गयी है. जिन चौक चौराहों व बाजारों पर शराबियों की देर शाम तक महफिलें सजी रहती थीं, वहां शराबियों ने अभी से आना छोड़ दिया है. अब केवल ठेके की शराब दुकान पर ही थोड़ी बहुत भीड़ नजर आ रही है, जो एक अप्रैल से बंद हो जायेंगी. विदित हो कि दीनदयालपुर, पहाड़पुर, ज्ञानीमोड़, काशीधाम, करबाला बाजार, चाड़ी बाजार आदि प्रखंड के चर्चित अवैध शराब के अड्डे रहे हैं. बहरहाल, यह तय है कि चौक-चौराहों पर सजती रही महफिल उदास हो जायेगी.