रामनवमी की तैयारी में जुटे लोग
रामनवमी की तैयारी में जुटे लोग श्री राम जन्मोत्सव को ले गांधी मैदान में पंडाल बन कर तैयार फोटाे 06 व 07 गांधी मैदान में बेदी बनाते कारीगर व पंडाल बन कर तैयारनोट : फोटो कल के डेट में सीवान फोल्डर में हैसीवान. अब चैत्र नवरात्र शुरू होने में मात्र दो दिन ही बाकी है. […]
रामनवमी की तैयारी में जुटे लोग श्री राम जन्मोत्सव को ले गांधी मैदान में पंडाल बन कर तैयार फोटाे 06 व 07 गांधी मैदान में बेदी बनाते कारीगर व पंडाल बन कर तैयारनोट : फोटो कल के डेट में सीवान फोल्डर में हैसीवान. अब चैत्र नवरात्र शुरू होने में मात्र दो दिन ही बाकी है. लोगों द्वारा पूजा की तैयारी शुरू कर दी गयी है. पूजा सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. वहीं, नगर के गांधी मैदान में होनेवाले श्री राम जन्मोत्सव कार्यक्रम की तैयारी अंतिम चरणों में है. पंडाल बनाने का कार्य भी अंतिम चरण में है. यहां प्रवचन कार्यक्रम होगा. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मदिन के अवसर पर चैत्र शुक्ल मास की नवमी तिथि को रामनवमी का विशेष पर्व मनाया जाता है. इस दिन विधिवत पूजा अर्चना की जाती है. गांधी मैदान में होने वाले कार्यक्रम को लेकर पंडाल बनाने के बाद पूजा स्थल की बेदी भी बन कर तैयार हो गयी है. साथ ही समिति द्वारा नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है.श्री रामनवमी पूजा विधिपंडित रामनरेश द्विवेदी कहते हैं कि रामनवमी के दिन भक्तों को उपवास करना चाहिए. श्रीराम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान देना चाहिए. इसके बाद भगवान श्रीराम की पूजा संपन्न करनी चाहिए. नवरात्र हिंदुओं का एक पावन पर्व है. नवरात्र की पूजा नौ दिनों तक चलती है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्र के आरंभ में प्रतिपदा तिथि को कलश या घट की स्थापना की जाती है. कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है. हिंदू धर्म में हर पूजा से पहले गणेश जी की पूजा का विधान है. इसलिए नवरात्र की शुभ पूजा से पहले कलश के रूप में गणेश को स्थापित किया जाता है. कलश स्थापना के लिए महत्वपूर्ण वस्तुएं मिट्टी का पात्र और जौ शुद्ध साफ की हुई मिट्टी शुद्ध जल से भरा हुआ सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश मोली (लाल सूत्र) साबुत सुपारी कलश में रखने के लिए सिक्के अशोक या आम के पांच पत्ते कलश को ढकने के लिए मिट्टी का ढक्कन साबुत चावल पानी वाला एक नारियल लाल कपड़ा या चुनरी फूल से बनी हुई माला नवरात्र कलश स्थापना की विधि पंडित श्री द्विवेदी के अनुसार, कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध कर लेना चाहिए. एक लकड़ी का फट्टा रख कर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए. इस कपड़े पर थोड़ा- थोड़ा चावल रखना चाहिए. चावल रखते हुए सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करना चाहिए. एक मिट्टी के पात्र (छोटा समतल गमला) में जौ बोना चाहिए. इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करना चाहिए. कलश पर रोली से स्वस्तिक या ऊं बनाना चाहिए. कलश के मुख पर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए. कलश में सुपारी, सिक्का डाल कर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिए. कलश के मुख को ढक्कन से ढक देना चाहिए. ढक्कन पर चावल भर देना चाहिए. एक नारियल ले उस पर चुनरी लपेट कर रक्षा सूत्र से बांध देना चाहिए. इस नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवताओं का आवाह्न करना चाहिए. अंत में दीप जला कर कलश की पूजा करनी चाहिए. कलश पर फूल और मिठाइयां चढ़ाना चाहिए.