78 फुट चौड़ी सड़क पर 25 फुट अतिक्रमण
जाम की समस्या से हर दिन यहां लोग घंटों जूझते हैं, पर इसके स्थायी हल को लेकर न कभी प्रशासन संवेदनशील दिखा और ही हमारे जनप्रतिनिधि .बबुनिया मोड़ एक ऐसा मोड़ है जो शहर के चारो दिशाओं को जोड़ती हैं. बबुनिया से तरवारा मोड़ तक कि मुख्य सड़क की चौड़ाई 78 फुट है. जिसमें तकरीबन 25 फूट सड़क अतिक्रमण में है .
सीवान: जाम की समस्या से हर दिन यहां लोग घंटों जूझते हैं, पर इसके स्थायी हल को लेकर न कभी प्रशासन संवेदनशील दिखा और ही हमारे जनप्रतिनिधि .बबुनिया मोड़ एक ऐसा मोड़ है जो शहर के चारो दिशाओं को जोड़ती हैं. बबुनिया से तरवारा मोड़ तक कि मुख्य सड़क की चौड़ाई 78 फुट है. जिसमें तकरीबन 25 फूट सड़क अतिक्रमण में है .अतिक्रमण के चलते शहरी क्षेत्र के सड़के संकरी हो गयी है. शहर में जिंदगी दौड़ने के बजाय जाम में फंस कर रेंगने लगी. शहर में प्रतिदिन तकरीबन तीन लाख से अधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों से आते है. आये दिन इस सड़क पर लगने वाले जाम इसकी पहचान बन गयी. उत्तर बिहार में सबसे तेजी से बढ़ते शहर में शामिल सीवान शहर का फैलाव जितनी तेजी से हुआ, उसके मुकाबले सड़के नही है.सड़के बनायी भी गयी तो अतिक्रमण की चपेट में है जिससे समस्याएं बढ़ती गयी, जो अब बिकराल रूप लेती जा रही है. ऐसा नहीं है कि जाम की समस्या से निदान के लिए प्रयास नहीं हुए. लेकिन वह नाकाफी सिद्ध हुआ. कोई ठोस कदम नहीं उठाने से अतिक्रमण बढ़ता गया. मुख्य बाजार की सड़कों के आधे भाग पर अतिक्रमण है. अतिक्रमण कर सैकड़ों फुटपाथी दुकानें खोली गई हैं. जो जाम का मुख्य कारण है. ऑटो स्टैंड बना जी का जंजाल बाबुनीया मोड़ से जैसे ही आगे ढ़ेंगे की सड़क पर ही ऑटो स्टैंड है. लोग जाम में फंस जाते हैं.कई बार ऐसा देखा गया हैं की राहगीर और ऑटो चालकों में कहा सुनी हो गई और मामला मारपीट तक चली गई. ट्रैफिक पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं होती हैं.इधर आटो स्टैंड से स्थानीय दुकानदार भी परेशान है.जब भी व्यवसायी दुकान के आगे से वहां को हटाते है तो ऑटो चालक बोलते है की हमलोग स्टैंड का पैसा देते है नहीं हटाएंगे.फिर विवाद बढ़ जाता हैं. बैंकों के पास नहीं हैं पार्किंग का इंतजाम छपरा रोड में तकरीबन दर्जनों बैंकों का मुख्य शाखा हैं. लेकिन किसी शाखाओं के पास पार्किंग की व्यवस्था नही हैं.जिससे बैंको में आने वाले ग्राहकों के वाहन सड़क पर ही लगती हैं.यह भी एक जाम का मुख्य कारण हैं.
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