सकारात्मक असर. पूर्ण शराबबंदी से आपसी मारपीट की घटनाओं में कमी होने से मरीजों की संख्या घटी

शराबबंदी से दुर्घटनाएं हुईं कम सदर अस्पताल में 10 दिनों में पांच मामले आये सड़क दुर्घटनाओं के शराबबंदी के पहले 10 दिनों में 30 मामले आये थे सदर अस्पताल में सीवान : सरकार के शराबबंदी के निर्णय का प्राय: सभी सकारात्मक विचारधारा वाले लोगों द्वारा समर्थन किया जा रहा है. कुछ लोग अगर विरोध कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2016 4:26 AM

शराबबंदी से दुर्घटनाएं हुईं कम

सदर अस्पताल में 10 दिनों में पांच मामले आये सड़क दुर्घटनाओं के
शराबबंदी के पहले 10 दिनों में 30 मामले आये थे सदर अस्पताल में
सीवान : सरकार के शराबबंदी के निर्णय का प्राय: सभी सकारात्मक विचारधारा वाले लोगों द्वारा समर्थन किया जा रहा है. कुछ लोग अगर विरोध कर रहे हैं, तो उनको भविष्य में होनेवाले फायदे का अनुभव नहीं है. सरकार की शराबबंदी का विशेष असर सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रहा है. यहां शाम होते ही शराब की नशे में दुर्घटना होने के बाद घायलों की कतारें लग जाती थीं. आज बिल्कुल शांति है. सरकारी अस्पतालों में शाम में तो मरीज दिखाई ही नहीं दे रहे हैं.
अगर कोई अस्पताल आ रहा है, तो बीमारी वाले मरीज. शराबबंद होने के बाद शराब के नशे में आपस में मारपीट करने की घटनाएं भी बिल्कुल कम हो गयी हैं.
लापरवाही में हुईं दुर्घटनाएं : एक अप्रैल से सूबे में शराबबंदी लागू होने के बाद अब तक मात्र पांच मरीज ही सड़क दुर्घटना में घायल होकर आये हैं. इन 10 दिनों में तीन लोगों की मौत हुई है. लेकिन ये सभी ऐसी सड़क दुर्घटनाएं हैं, जो लापरवाही के कारण हुई हैं. शराब के नशे में वाहन चलाने से ये घटनाएं नहीं हुईं हैं. मार्च के अंतिम 10 दिनों में कुल 58 दुर्घटनाओं में घायल मरीज सदर अस्पताल में भरती हुए.
इसमें से करीब 30 मरीज नशे में गाड़ी चलाने से हुई दुर्घटनाओं में घायल मरीज थे. 21 मार्च से लेकर 31 मार्च तक सड़क दुर्घटना में करीब 11 लोगों की मौत हुई थी. शराबबंदी होने से शराबी या शराब का कारोबार करने वाले लोग खुश नहीं होंगे. लेकिन शराबियों के परिवार के लोगों के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर व कर्मचारी काफी खुश हैं.
नशामुक्ति केंद्र में इलाज कराने आ रहे हैं लोग : सदर अस्पताल में खुले नशा मुक्ति केंद्र में अब तक करीब सौ से अधिक मरीजों ने अपना इलाज कराना शुरू कर दिया है. इस केंद्र में करीब एक दर्जन मरीजों को भरती किया जा चुका है. इसमें से करीब चार मरीजों की हालत गंभीर होने पर एनएमसीएच रेफर किया जा चुका है. सदर अस्पताल के नशामुक्ति केंद्र में इलाज कराने के बाद मरीज काफी राहत महसूस कर रहे हैं.
नौतन प्रखंड से इलाज कराने आये साइकिल मेकैनिक शहाबुद्दीन ने बताया कि साहब शराबबंदी से हमारी घरवाली काफी खुश है. उसने कहा कि वो खुश, तो मैं भी खुश. अब शराब के पैसे बचेंगे, तो घर में कोई नया काम होगा. शहाबुद्दीन ने सरकार की पूर्ण शराबबंदी को जायज बताया.
क्या कहते हैं डॉक्टर
जब से सूबे में शराबबंदी लागू हुई है, सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है. पहले शाम होते ही सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के आने से पूरा वार्ड भर जाता था. अब तो बीमारीवाले मरीज ही इलाज कराने के लिए आ रहे हैं.
डॉ कालिका कुमार सिंह, चिकित्सक, सदर अस्पताल
मारपीट में महिला घायल
हसनपुरा. एमएच नगर थाने के करमासी गांव में शनिवार की देर संध्या शेख शकील अहमद की पत्नी जूही खातून को बगल के युवको ने मारपीट कर बुरी तरह से घायल कर दिया. घटना के बारे मिली जानकारी के अनुसार, बगल की रहने वाली हसीना खातून को उनके परिजन किसी बात को लेकर पीट रहे थे.
तभी हसीना खातून अपने घर से भाग कर जूही खातून के घर चली गयी. इसी बीच आशिक अली और शौकत अली ने घर में घुस कर जूही खातून को पीटना शुरू कर दिया. संयोगवश उसी समय जूही का भाई रेहान खान जूही से मिलने आया था. इस तरह की हरकत देख उसने मना किया कि तुम लोग मारपीट मत करो, तो उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी.
इस तरह जूही खातून और रेहान खान बुरी तरह से घायल हो गये और दोनों घायलो का इलाज हसनपुरा पीएचसी में चल रहा हैं. वहीं, रेहान खान व जूही खातून ने थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. एमएच नगर थानाध्यक्ष कुमार रजनीकांत ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version