अब मस्तिष्क ज्वर के संक्रमण का भय
अलार्मिंग. स्वास्थ्य विभाग सतर्क नहीं हुआ, तो मस्तिष्क ज्वर हो सकता है भयावह, बढ़ी चिंता दो माह से चेचक से पीड़ित हो रहे हैं लोग जिले में अभी चेचक का प्रकोप थमा भी नहीं कि मस्तिष्क ज्वर के संक्रमण की आशंका लोगों को चिंता में डाल रही है. मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित होनेवालों की सबसे […]
अलार्मिंग. स्वास्थ्य विभाग सतर्क नहीं हुआ, तो मस्तिष्क ज्वर हो सकता है भयावह, बढ़ी चिंता
दो माह से चेचक से पीड़ित हो रहे हैं लोग
जिले में अभी चेचक का प्रकोप थमा भी नहीं कि मस्तिष्क ज्वर के संक्रमण की आशंका लोगों को चिंता में डाल रही है. मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित होनेवालों की सबसे ज्यादा संख्या मुजफ्फरपुर में रहती है. मुजफ्फरपुर से सटा जिला होने के कारण यहां भी लोगों के इससे पीड़ित होने की आशंका सताने लगी है. मुजफ्फरपुर में मरीज मिलने के बाद सिविल सर्जन डाॅ शिवचंद झा ने अपने चिकित्सकों को एहतियात के रूप में आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया है.
सीवान :मौसम में आया तेजी से बदलाव अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ने लगा है. तकरीबन एक माह से चेचक के प्रकोप के बाद अब लोगों को मस्तिष्क ज्वर का भय सताने लगा है. जापानी इनसेफ्लाइटिस के रूप में जाना जानेवाला यह तेज बुखार के मुजफ्फरपुर में मरीज मिलने के बाद अब स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गयी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की मौजूदा तैयारी को देख यह आशंका जतायी जा रही है कि बीमारी के फैलने की स्थिति में कारगर उपचार करना संभव नहीं हो पायेगा.
चेचक से आक्रांत हैं जिले के दर्जनों गांव : पिछले एक माह से चेचक के प्रकोप से दर्जनों गांव ग्रस्त हैं. बीमारी से पीड़ित होनेवालों में सबसे अधिक संख्या छोटे बच्चों की है. हुसैनगंज के नवलपुर, छाता, छपिया, मचकना, जीरादेई के छितनपुर, गोरयाकोठी के हेतिमपुर, सीवान सदर का गांधी मैदान मुहल्ला, मैरवा का सेवतापुर सबसे अधिक बीमारी से ग्रस्त होनेवाले गांवों में शामिल हैं. यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दौरा कर दवाओं का वितरण करने के साथ ही सफाई का विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी है.
मस्तिष्क ज्वर को लेकर चौकन्ना हुआ स्वास्थ्य महकमा : विभाग के मुताबिक, मुजफ्फरपुर में अब तक एक मरीज मस्तिष्क ज्वर इन्सेफलाइटिस से पीड़ित मिला है. जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव पाये जाने के बाद विभाग ने इलाज शुरू कर दिया है. गरमी के मौसम में आमतौर पर यह बीमारी फैलने का सबसे अधिक खतरा रहता है. हालांकि, जिले से सटे यूपी के आधा दर्जन जिले इस बीमारी से सबसे अधिक पिछले दो दशकों से ग्रसित हैं.
इसके इलाज के लिए अब तक वहां विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से केंद्र व राज्य सरकारों के अरबों रुपये खर्च हो चुके हैं. इन हिस्सों से जिले के सटे होने के कारण यहां बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. इस बीच मुजफ्फरपुर में मरीज मिलने के बाद सिविल सर्जन डाॅ शिवचंद झा ने अपने चिकित्सकों को एहतियात के रूप में आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया है.
राहत का नहीं दिखता इंतजाम : जिले के सरकारी अस्पताल के रूप में सबसे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का इंतजाम सदर अस्पताल में होता है. यहां हाल यह है कि संसाधनों का घोर अभाव विभाग खुद ही झेल रहा है. यहां अतिरिक्त चिल्ड्रेन वार्ड तक नहीं है. ऐसे में अन्य मरीजों के साथ ही बच्चों को भरती किया जाता है. मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित मरीजों को वातानुकुलित वार्ड में रखने की जरूरत महसूस की जाती है. इससे बीमारी से जल्द राहत मिलती है. यहां नवजात शिशु के भरती के लिए एसएनसीयू वार्ड उपलब्ध है. इसके होने से नवजात के इलाज में मदद मिलती है.
क्या है इन्सेफ्लाइटिस
मस्तिष्क ज्वर को जापानी इन्सेफ्लाइटिस भी कहा जाता है. यह खास प्रजाति के मच्छरों के काटने से होता है. इन्सेफ्लाइटिस वायरस से संक्रमित पालतू सूअर व जंगली पक्षियों के काटने पर मच्छर संक्रमित हो जाता है और इनमें वायरस फैल जाता है. जब यह मच्छर आदमी को काटते हैं, तो उनमें संक्रमण हो जाता है. यह बीमारी अधिक गरमी के मौसम में फैलती है. बीमारी से एक वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक की उम्र के लोग ज्यादा पीड़ित होते हैं. मस्तिष्क ज्वर जापानी इन्सेफ्लाइटिस के वायरस के अलावा अन्य वायरस के द्वारा भी होता है. इसमें इंट्रो वायरस प्रमुख है. यह जलजमाव व गंदे नालों से फैलता है. यह शरीर में श्वांस के द्वारा मस्तिष्क तक पहुंचता है.
बीमारी के लक्षण
दांत बैठना
तेज बुखार
शरीर में अकड़न व दर्द
झटके आने के साथ ही बेहोश होना
शरीर में हरकत नहीं होना
प्राथमिक उपचार व सावधानियां
तेज बुखार होने पर गीले कपड़े से पोछे
बच्चों को ओआरएस का घोल दें
हवादार स्थान पर ही पीड़ित को रखें
छायादार स्थान पर खुले में रखें
कंबल व गरम कपड़ों पर न लिटाएं
बच्चों की नाक नहीं बंद होने दें
बच्चों की गरदन झुकी हुई नहीं रहे
मच्छरदानी का प्रयोग करें
सूअरबाड़ा आबादी से दूर रहे
बागीचे में गिरा हुआ फल न दें
घर के आसपास सफाई का ख्याल रखें.