सीवान : आरटीपीएस के लिए चयनित कार्यपालक सहायकों की काउंसेलिंग मंगलवार को नगर पर्षद सभागार में शुरू हुई. प्रथम दिन 100 अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच हुई. जिला आइटी मैनेजर अमित कुमार की अध्यक्षता में यह जांच की गयी. उन्होंने बताया कि कुल 511 अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग की जानी है. यह काउंसेलिंग 15 मई तक चलेगी. इसके बाद मेरिट पैनल तैयार होगा. इसके आधार पर आगे की प्रक्रिया शुरू होगी.
काउंसेलिंग का समय 10 बजे निर्धारित किया गया था. अभ्यर्थियों की उत्सुकता का आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि सुबह आठ बजे से ही केंद्र पर अभ्यर्थियों की भीड़ लग गयी थी. उन्हें एक दिन पूर्व मोबाइल पर सूचना दी गयी थी. काउंसेलिंग 10:30 बजे से शुरू हो कर शाम तक चली. जाति प्रमाणपत्र की जांच में समय लग रहा था और इसे काफी बारीकी से जांचा जा रहा था ताकि आगे किसी विवाद की आशंका नहीं रहे.
वाहनों के लिए तय हुई गति सीमा
पहल. सड़क दुर्घटना पर लगेगी लगाम, वाहनों में लगेंगे स्पीड गवर्नर
अक्सर होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने मालवाहक वाहनों के लिए नये सिरे से गति सीमा का निर्धारण किया है. साथ-ही-साथ गति निर्धारण के लिए वाहनों में स्पीड गवर्नर भी लगाया जाना है. स्कूल बसों पर विभाग ने विशेष जोर देते हुए इसकी अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय करते हुए इसके रखरखाव के लिए भी अलग से गाइड लाइन जारी की है. डंपर, टैंकर के लिए भी गति सीमा नये सिरे से निर्धारित की गयी है.
सीवान :बिहार में हर तरफ जितनी तेजी से चमाचम सड़कों का जाल बिछा है, उतनी ही तेजी से सड़क दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. जिले में ही पिछले माह विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ दर्जन लोगों की जानें गयी थीं. वहीं, किसी दुर्घटना के बाद सड़क जाम व प्रदर्शन भी परेशानी का सबब बनता है. घंटों सड़क जाम की स्थिति में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही दुर्घटना में मौत के बाद सारा खामियाजा पुलिस प्रशासन को भुगतना पड़ता है.
आयुक्त, डीएम, एसपी करें कार्रवाई : विभाग के प्रधान सचिव के आदेश से राज्य में वाहनों की गति सीमा तय की गयी है. यह आदेश राज्य के सभी आयुक्त, जिलाधिकारी, एसपी व डीटीओ को भेजते हुए तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया है. बिहार में पहली बार यह अादेश मोटर वाहन अधिनियम, 1989 में संशोधन करते हुए जारी किया गया है. दिल्ली के बाद ऐसा आदेश जारी करनेवाला बिहार पूर्वी भारत का पहला राज्य बन गया है.
क्या है आदेश : परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार, प्रत्येक स्कूल वाहन में स्पीड गवर्नर लगाया जाना अनिवार्य है. साथ ही किसी भी परिस्थिति में इनकी गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी. डीएम-एसपी व डीटीओ को सर्वप्रथम स्कूल वाहनों को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही इसके उल्लंघन की स्थिति में स्कूल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई का आदेश है. डंपर व टैंकर के लिए 60 किमी प्रति घंटा गति सीमा तय की गयी है. वहीं, अन्य वाहनों के लिए पूर्ववत 80 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम सीमा तय रहेगी. वाहनों में स्पीड गवर्नर लग जाने से तय सीमा से अधिक गति से वाहन नहीं चलाया जा सकेगा और उसकी पहचान की जा सकेगी.
क्या होगा फायदा : विभाग द्वारा वाहनों की गति सीमा तय करने से होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगेगी. इससे धन-जन की हानि में कमी आयेगी. वहीं, स्कूल बसों का नियमानुसार संचालन संभव हो सकेगा, जिससे नौनिहालों की स्कूल यात्रा सुरक्षित बन सकेगी. वहीं नो इंट्री के समय शहर से सटे मार्गों पर विशेष निगरानी रखने का भी प्रावधान है.
क्या कहते हैं डीटीओ : विभाग द्वारा आदेश मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. वाहन मालिकों को नोटिस भेजा जा रहा है. वहीं, सभी स्कूलों को तत्काल इसका पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है. उल्लंघन करने पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. एमवीआइ इस पर नजर रखेंगे.
क्या कहते हैं एसपी
परिवहन विभाग के नये नियमानुसार कार्रवाई के लिए सभी थानों और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश जारी कर दिया गया है. सभी स्कूलों को भी अपनी परिवहन सेवा दुरुस्त करनी होगी. इसके लिए भी डीटीओ अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे. डीइओ को भी इस संबंध में पत्र भेजा जा रहा है.
सौरभ कुमार साह, एसपी, सीवान
एक नजर गति सीमा पर
वाहन अधिकतम गति सीमा
स्कूल वाहन 40 किमी/ घंटा
टैंकर व डंपर 60 किमी/ घंटा
अन्य वाहन 80 किमी/ घंटा