दो वार्ड नहीं, कैसे हो इलाज
परेशानी. पुरुष वार्ड में भरती होते हैं बर्न मरीज शिशु वार्ड नहीं होने से बच्चों को भरती करने में होती है परेशानी केवल सदर अस्पताल में अभी है एसएनसीयू अस्पताल प्रशासन ने बर्न वार्ड की मरम्मत का कार्य किया शुरू शिशु वार्ड भी शीघ्र बन कर होगा तैयार सीवान : सदर अस्पताल में बर्न वार्ड […]
परेशानी. पुरुष वार्ड में भरती होते हैं बर्न मरीज
शिशु वार्ड नहीं होने से बच्चों को भरती करने में होती है परेशानी
केवल सदर अस्पताल में अभी है एसएनसीयू
अस्पताल प्रशासन ने बर्न वार्ड की मरम्मत का कार्य किया शुरू
शिशु वार्ड भी शीघ्र बन कर होगा तैयार
सीवान : सदर अस्पताल में बर्न वार्ड व शिशु वार्ड के बिना चिकित्सा इंतजाम पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व तक सदर अस्पताल में बर्न वार्ड चला, लेकिन 20 अप्रैल, 2015 को सदर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की घटना के बाद बर्न वार्ड गार्ड रूम के रूप में तब्दील हो गया.
इससे बर्न मरीजों को अस्पताल प्रशासन पुरुष वार्ड में ही भरती करता है. वहीं, शिशु वार्ड नहीं होने से सदर अस्पताल शिशुओं का इलाज कराने आये अभिभावकों को रोजाना निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है. इससे उन्हें काफी परेशानी होती है. अब लग रहा है कि जल्द ही सदर अस्पताल में दोनों वार्ड शुरू हो जायेंगे.
इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने कार्य भी शुरू कर दिया है. दोनों वार्ड नहीं होने से मरीजों को एक ही वार्ड में भरती होने से संक्रमण जैसी बीमारी भी फैलने की आशंका बनी रहती है.