नहीं चलेगी अफसरों की बहानेबाजी

अनुसंधान व विधि व्यवस्था के लिए अलग-अलग तैनात हुए पुलिस अफसर काम के दबाव का नहीं बना सकेंगे बहाना जिले के सभी 28 थानों के लिए नयी व्यवस्था लागू एसपी ने सभी 28 थानों के लिए बनायी टीम सीवान : काम के दबाव में अब पुलिस अफसरों की मनमानी नहीं चलेगी. क्योंकि पुलिस मुख्यालय के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2016 5:08 AM

अनुसंधान व विधि व्यवस्था के लिए अलग-अलग तैनात हुए पुलिस अफसर

काम के दबाव का नहीं बना सकेंगे बहाना
जिले के सभी 28 थानों के लिए नयी व्यवस्था लागू
एसपी ने सभी 28 थानों के लिए बनायी टीम
सीवान : काम के दबाव में अब पुलिस अफसरों की मनमानी नहीं चलेगी. क्योंकि पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर पुलिस कप्तान सौरभ कुमार साह ने जिले के सभी 28 थानों के लिए नयी व्यवस्था लागू कर दी है. इन थानों में विधि व्यवस्था व कांडों के अनुसंधान के लिए अलग-अलग टीमें बनायी गयी हैं. थाने के सब इंस्पेक्टर व एएसआइ को अलग-अलग इनकी जिम्मेवारी सौंपी गयी है. आम तौर पर हर थाने में पदस्थापित इन पुलिस अफसरों की टीम को दो भागों में बांटा गया है. इनमें करीब आधी टीम कानून व्यवस्था व उतने ही कांडों के अनुसंधान में लगे रहेंगे. पहले कार्य बोझ के नाम पर केस के अनुसंधान को लटकाये रखा जा रहा था. लेकिन, नयी व्यवस्था से इस पर लगाम लग सकेगी.
थानों में एक ही पुलिस अफसर के पास केस के अनुसंधान और विधि व्यवस्था की जिम्मेवारी होने से उनका कार्य बाधित हो रहा था. विधि-व्यवस्था के काम में लगे रहने की स्थिति में कांडों का अनुसंधान प्रभावित होने से मामले में कार्रवाई में विलंब के साथ ही कांडों के निष्पादन में भी काफी विलंब हो रहा था. कई बार तो तय सीमा के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं होने की स्थिति में इसका लाभ आरोपित उठा रहे थे. वहीं, विधि-व्यवस्था ड्यूटी के नाम पर भी केस का अनुसंधान लटकाये रखने की प्रवृत्ति बन गयी थी. अब इन मामलों को लटकाना आसान नहीं होगा. जिन अफसरों के पास केस का अनुसंधान रहेगा, उन पर शीघ्र ही मामले के निबटारे का दायित्व होगा और हर माह उन्हें इसकी रिपोर्ट सौंपनी होगी.
इस नयी व्यवस्था से रेप, हत्या, डकैती, अपहरण, रंगदारी आदि संगीन मामलों में त्वरित कार्रवाई हो सकेगी. जिससे पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा. वहीं, विधि व्यवस्था की स्थिति भी सुधरेगी, क्योंकि इस काम में लगे पुलिस अफसरों को सिर्फ यही जिम्मेवारी होगी. उन्हें केस के अनुसंधान से कोई वास्ता नहीं होगा. वे भी अब केस के अनुसंधान को लेकर व्यस्त होने की बहानेबाजी नहीं कर सकेंगे. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि काम बंटवारे के बाद दोनों विंग एक-दूसरे का सहयोग नहीं करेंगे. आवश्यक होने पर केस अनुसंधान में लगे पुलिस अफसरों से भी कानून व्यवस्था में सहयोग लिया जायेगा. साथ ही विधि-व्यवस्था में लगे पुलिस अफसर भी केस अनुसंधान में आवश्यक सहयोग करेंगे.
क्या कहते हैं एसपी
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर यह व्यवस्था लागू की गयी है. इससे विधि व्यवस्था बनाये रखने और कांडों के निष्पादन में तेजी आयेगी. इस व्यवस्था को लागू करने में प्रथम रहे जिलों में सीवान भी एक है.
सौरभ कुमार साह
पुलिस कप्तान, सीवान

Next Article

Exit mobile version