पंचायत सचिवों की कमी

से बाधित हो रहा है पंचायत का विकास दरौंदा : पंचायत के विकास कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करने वाले पंचायत सचिवों की कमी से जिले की पंचायत के विकास बाधित हो रहे हैं. गांवों के विकास के लिए संचालित योजनायें समय पर पूरी नहीं हो पा रही है. कई पंचायतों में विभिन्न योजनाओं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2016 1:31 AM

से बाधित हो रहा है

पंचायत का विकास
दरौंदा : पंचायत के विकास कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करने वाले पंचायत सचिवों की कमी से जिले की पंचायत के विकास बाधित हो रहे हैं. गांवों के विकास के लिए संचालित योजनायें समय पर पूरी नहीं हो पा रही है. कई पंचायतों में विभिन्न योजनाओं की राषि खर्च नहीं हो रही है. जिले की 293 पंचायतों के विकास की जिम्मेवारी करीब 70 पंचायत सचिवों के जिम्मे है़ औसतन एक पंचायत सचिव के जिम्मे चार पंचायत के कार्यों का निष्पादन है. कई जगहों पर जनसेवक व राजस्व कर्मियों से पंचायत का काम लिया जा रहा है़ इससे न सिर्फ कर्मियों बल्कि लोगों को भी परेशानी हो रही है़ लोगों के काम समय पर निष्पादित नहीं हो रहे, वहीं कर्मी भी काम के अत्याधिक बोझ के चलते परेशान है.
पंचायत सचिवों के कार्य : गांवों के विकास में पंचायत सचिव खूब कार्य करते है. जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र देना, आरटीपीएस काउंटर पर जमा किये गये आवेदनों की जांच, पेंशन वितरण, कबीर अंत्योष्टि की राषि का वितरण, वित आयोग व बीआरजीएफ की विकास योजनाओं का क्रियान्वयन पंचायत सचिव ही करते है. इसके अलावा वे मुखिया के कार्यों में भी सहयोग करते है.
सेवानिवृत्ति के बाद पुर्ननियोजन की है सुविधा : जो पंचायत सचिव सेवा निवृत होने के बाद पुर्ननियोजित होना चाहते हैं, कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग पटना के संकल्प के आलोग में जिला स्थापना शाखा उन्हें संविदा के आधार पर नियोजित किया करता है़

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