ट्रेनों से हो रही शराब की तस्करी
जीआरपी ने अभी तक 550 शराब की बोतलों के साथ 12 को पकड़ा सीमावर्ती मैरवा स्टेशन पर मात्र दो सिपाहियों के भरोसे है विधि व्यवस्था सीवान : सूबे में एक अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद जिले में शराब का कारोबार अभी तक बंद नहीं हो पाया है. पूर्ण शराबबंदी लागू होने के […]
जीआरपी ने अभी तक 550 शराब की बोतलों के साथ 12 को पकड़ा
सीमावर्ती मैरवा स्टेशन पर मात्र दो सिपाहियों के भरोसे है विधि व्यवस्था
सीवान : सूबे में एक अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद जिले में शराब का कारोबार अभी तक बंद नहीं हो पाया है. पूर्ण शराबबंदी लागू होने के पहले सरकार ने कई प्रकार के संसाधनों को बढ़ाने की योजना बनायी थी, ताकि अगर दूसरे प्रदेशों से शराब की तस्करी कर लायी जा रही हो, तो उस पर रोक लगायी जा सके. इसके लिए उत्तरपद्रेश के सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष चौकसी रखने की भी व्यवस्था थी. सड़क मार्ग के लिए सरकार ने तस्करी रोकने के लिए कुछ व्यवस्था की, लेकिन रेल मार्ग से शराब की तस्करी रोकने के प्रति सरकार ने कुछ नहीं किया.
इसी वजह से दूसरे प्रदेशों से शराब की तस्करी कर लानेवाले शराब के धंधेबाजों के लिए रेल मार्ग सबसे सुरक्षित उपाय बन गया. उत्तर प्रदेश से धंधेबाज ट्रेनों में बैग में शराब को भर कर रख देते हैं तथा अपने बैग से कुछ दूरी पर हट कर उसकी निगरानी करते हैं.
जीआरपी ने बैग को पकड़ लिया, तो छोड़ कर उतर गये, वरना अपने ठिकाने पर शराब से भरा बैग उतार कर आराम से निकल जाते हैं.
सीवान जीआरपी के पास है सीमित संसाधन : सीवान जीआरपी थाने में थानाध्यक्ष सहित दो एसआइ, दो एएसआइ तथा करीब चालीस जवान हैं. जीआरपी, सीवान का क्षेत्र मैरवा स्टेशन से लेकर पचरुखी तथा थावे रेलखंड में अमलोरी सरसर स्टेशन तक है. जीआरपी के जिम्मे अपने क्षेत्र की विधि व्यवस्था के साथ-साथ सभी पैसेंजर व सप्ताहिक ट्रेनों में एस्कार्ट करने की जिम्मेवारी है.
पूर्ण शराबबंदी सुबे में लागू होने के बाद जीआरपी को शराबों की तस्करी रोकने की नयी जिम्मेवारी मिली है. सरकार द्वारा संसाधन के नाम पर साइकिल, टाॅर्च, ब्रेथ एनेलाइजर सहित कई उपकरणों को तो दिया गया है, लेकिन पुलिस पदाधिकारियों व जवानों की संख्या नहीं बढ़ाये जाने से जीआरपी रेल मार्ग से होनेवाले शराब की तस्करी को नहीं रोक पायी है. करीब चार महीने में जीआरपी ने कई मामले दर्ज कर शराब की करीब साढ़े पांच सौ बोतलों को बरामद कर शराब के एक दर्जन धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है. कम संसाधन होने के बावजूद जीआरपी ने कुछ सफलता जरूर हासिल की है.