शहाबुद्दीन ने कहा था- मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं, क्या है पूरा मामला, पढ़ें

सीवान : पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को राजीव रौशन हत्याकांड छोड़ सभी मामलों में भले ही जमानत मिल गयी है, पर न्यायिक प्रक्रिया के राह में रोड़े कम नहीं हैं. सरकारी खर्च पर वकील मुहैया नहींहोने के चलते विशेष कोर्ट में मुकदमों की प्रक्रिया लंबित पड़ी है. कोर्ट में पूर्व सांसद ने खराब आर्थिक स्थिति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2016 5:17 PM

सीवान : पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को राजीव रौशन हत्याकांड छोड़ सभी मामलों में भले ही जमानत मिल गयी है, पर न्यायिक प्रक्रिया के राह में रोड़े कम नहीं हैं. सरकारी खर्च पर वकील मुहैया नहींहोने के चलते विशेष कोर्ट में मुकदमों की प्रक्रिया लंबित पड़ी है. कोर्ट में पूर्व सांसद ने खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए मुकदमों की पैरवी के लिए सरकारी खर्च पर अधिवक्ता मुहैया कराने की अपील की थी. इस पर विशेष कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश एसके पांडेय ने वकील मुहैया कराने का निर्देश दिया. आदेश के खिलाफ अभियोजन पक्ष ने हाइकोर्ट में अपील करते हुए निचली अदालत के आदेश पर रोक की मांग की. इसके बाद से यह मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है.

राजीव हत्याकांड में जमानत लंबित

भागलपुर केंद्रीय कारागार में बंद पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को हाइकोर्ट से तेजाब हत्याकांड में जमानत मिलने के बाद अब एक मात्र राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत लंबित है. उधर दो वर्ष पूर्व सांसद ने विशेष अदालत में आवेदन देकर अपने मुकदमे की पैरवी के लिए सरकारी खर्च पर अधिवक्ता मुहैया कराने की अपील की थी. आवेदन में कहा था कि हमारी आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि मुकदमों की पैरवी अपने खर्च पर कर सकूं.

हाइकोर्ट के आदेश का इंतजार

आवेदन पर सुनवाई करते हुए विशेष अदालत के तत्कालीन न्यायाधीश एसके पांडेय ने वकील मुहैया कराने का सरकार को आदेश दिया था. इस पर यह प्रक्रिया शुरू होती, उसके पहले ही अभियोजन पक्ष ने विशेष अदालत के निर्देश को चुनौती देते हुए हाइकोर्ट में अपील की. अपील के दो वर्ष बाद भी सुनवाई हाइकोर्ट में लंबित है. पूर्व सांसद को अब हाइकोर्ट के आदेश का इंतजार है. इसके चलते विशेष अदालत में शहाबुद्दीन जुड़े किसी भी मामले में सुनवाई नहीं हो पा रही है. इन मुकदमों की संख्या दो दर्जन से अधिक है.

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