सौ करोड़ का कारोबार हुआ प्रभावित

विरोध. बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ हड़ताल पर रहे राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी ग्रामीण बैंक व भूमि विकास बैंक के कर्मी हड़ताल से रहे अलग सीवान : शुक्रवार को बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते बैंकों का कार्य पूरी तरह ठप रहा. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर आयोजित हड़ताल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2016 11:15 PM

विरोध. बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ हड़ताल पर रहे राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी

ग्रामीण बैंक व भूमि विकास बैंक के कर्मी हड़ताल से रहे अलग
सीवान : शुक्रवार को बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते बैंकों का कार्य पूरी तरह ठप रहा. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर आयोजित हड़ताल के चलते दो राष्ट्रीयकृत बैंकों को छोड़ सभी बैंकों के कर्मी अपने कार्यों से अलग रहे. कर्मियों ने शहर में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया. उधर, हड़ताल के चलते यूनियन के नेताओं ने दावा किया कि तकरीबन एक अरब का कारोबार बंदी से बाधित हुआ है.
हड़ताली कर्मियों ने शहर के जेपी चौक के समीप सेंट्रल बैंक के मुख्य शाखा पर एकत्रित हुए. यहां सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के नेताओं ने कहा कि स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों का विलय करने, बैंकों का निजीकरण करने, एफडीआइ का दायरा बढ़ाने, चालू शाखाओं को बंद करने की सरकार की साजिश के खिलाफ देश भर में कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ यह आंदोलन जारी रहेगा.
यहां हड़ताली कर्मियों के आक्रोश का जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक रंजीत सिंह को सामना करना पड़ा. सेंट्रल बैंक व अग्रणी कार्यालय की ओर जानेवाले कार्यालय के मुख्य गेट पर कर्मचारियों ने ताला जड़ दिया था. इसके चलते यहां अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री सिंह को कार्यालय में हड़ताली कर्मियों ने प्रवेश करने नहीं दिया. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे विभिन्न बैंकों के नेताओं में दुर्गा प्रसाद शर्मा, अली अब्बास खां, भीम चौधरी, प्रेमशंकर सिंह, असकरी रजा, प्रभुजी सोनी, बसावन, रामायण चौधरी, श्याम कुमार प्रमुख रूप से शामिल रहे.
27 बैंकों की 114 शाखाएं रहीं बंद : आंदोलन में जिले के विभिन्न 27 बैंकों की कुल 114 शाखाओं के कर्मचारी हड़ताल पर रहे. उनका कामकाज नहीं होने से हड़ताली कर्मियों के मुताबिक, तकरीबन एक अरब का व्यवसाय बाधित हुआ. इसमें पांच करोड़ के चेकों की क्लियरिंग, 30 करोड़ की नकदी, 30 करोड़ का अंतरण प्रभावित हुआ.
हड़ताल के समय एटीएम ने भी दिया धोखा : हड़ताल को लेकर प्रबंधन ने सभी एटीएम को चालू रखने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद हाल यह रहा कि दोपहर बाद कुछ एटीएम को छोड़ कर सभी खाली हो गयी. इसके कारण ग्राहकों को
निराश होकर लौटना पड़ा. जिले में मौजूद विभिन्न बैंकों की डेढ़ सौ से अधिक एटीएम में से अधिकतर का यही हाल रहा.

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