प्रतापपुर में जश्न का माहौल

शहाबुद्दीन के प्रतापपुर स्थित पैतृक घर पर जुटे समर्थक. हुसैनगंज : पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर में बुधवार को जश्न का माहौल रहा. हुसैनगंज प्रखंड के इस गांव में पूर्व सांसद के हाइकोर्ट से जमानत की ज्योंही खबर मिली, उनके समर्थक झूम उठे. लोगों के बीच मिठाइयां बांटी गयीं तथा पटाखे भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2016 3:39 AM

शहाबुद्दीन के प्रतापपुर स्थित पैतृक घर पर जुटे समर्थक.

हुसैनगंज : पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर में बुधवार को जश्न का माहौल रहा. हुसैनगंज प्रखंड के इस गांव में पूर्व सांसद के हाइकोर्ट से जमानत की ज्योंही खबर मिली, उनके समर्थक झूम उठे. लोगों के बीच मिठाइयां बांटी गयीं तथा पटाखे भी फोड़े गये. इसकी गूंज घंटों सुनाई पड़ती रही. शहाबुद्दीन के पिता शेख हसीबुल्लाह व भाई शेख ग्यासुद्दीन व शेख समशुद्दीन ने कहा कि आज जमानत मिली है और आनेवाले दिनों में न्याय भी मिलेगा. उनके साथ खुशियां बांटनेवालों में हासिम, नजरे आलम, जैनुल, इरफान खान, ओमप्रकाश शर्मा, असलम, मंगरू भगत, गोपाल साह, कलिंदर साह शामिल रहे.
ऐसे बढ़ता गया राजनीतिक कदम
1990 के विधानसभा चुनाव में जीरादेई से पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक चुने गये. उन्होंने बाहुबली पाल सिंह को हराया था. यहीं से शहाबुद्दीन का राजनीतिक सफर शुरू हुआ. तब बिहार में मंडल की लहर पर सवार होकर लालू प्रसाद सत्ता में पहुंचे थे. शहाबुद्दीन की तत्कालीन जनता दल से निकटता बढ़ी और एक बार फिर 1995 में राजद से विधायक बने. 1996 में वे जनता दल के प्रत्याशी के रूप में सीवान संसदीय क्षेत्र से चुनाव में उतरे. चुनाव में उन्हें भारी बहुमत मिला. शहाबुद्दीन ने उसके बाद कोई चुनाव नहीं हारा. 1998, 1999 तथा 2004 के लोकसभा चुनावों में वे राजद के टिकट पर सांसद चुने गये.
वर्ष 1990 से राजनीति में रखा कदम
वर्ष 1990 में शहाबुद्दीन लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल के युवा मोरचा में शामिल हो गये. इसके बाद वे लालू के करीब आते गये. 1990 और 1995 में जीरादेई विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. पुलिस अफसर को थप्पड़ मारने की 16 मार्च, 2001 की घटना उनके लिए टर्निंग प्वाइंट रही. राजद नेता मनोज कुमार की गिरफ्तारी पर पुलिस अफसर को थप्पड़ मारा था. इस घटना ने बिहार पुलिस को झकझोर कर रख दिया था. पुलिस ने तुरंत टास्क फोर्स और यूपी पुलिस के साथ मिल कर शहाबुद्दीन के गांव और घर को घेर लिया. इस झड़प के दौरान दोनों ओर से कई राउंड गोलियां चलीं. इसमें पुलिसवाले सहित कई लोग मारे गये थे
1990 और 1995 में जीरादेई विधानसभा क्षेत्र का किया प्रतिनिधित्व
दिल्ली स्थित आवास से हुई थी गिरफ्तारी
मो. शहाबुद्दीन के दिल्ली स्थित आवास से 6 नवंबर, 2005 को आंदर थाने की प्रभारी गौरी कुमारी ने गिरफ्तारी की थी. वहां से हवाई जहाज से पटना तथा यहां से हेलीकॉप्टर से सीवान में लाया गया था. इसके बाद से ही जेल में हैं. इस दौरान स्वास्थ्य खराब होने पर सदर अस्पताल में भरती होने के साथ ही कानून व्यवस्था के लिहाज से भागलपुर केंद्रीय कारागार में भी बंद रहे.
आज भी वे भागलपुर जेल में ही हैं.

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