सीवान : बुधवार की शाम छह बजे 70 वर्ष उम्र की बुढ़ी काया वाले चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू अपनी पत्नी कलावती देवी के साथ घर पर बैठे हैं. पूरे मुहल्ले में खामोशी है. घर पर सन्नाटा. वहां नजर आ रहे हैं, तो मात्र खबरनवीस. उनके द्वारा उनके बेटे राजीव रोशन के हत्या मामले में पूर्व सांसद
मो. शहाबुद्दीन की जमानत हाइकोर्ट से मिलने की जानकारी दी जाती है. यह सुन कर कुछ पल के लिए चंद्रकेश्वर दंपती की जुबान थम-सी जाती है. अचानक आंखों से बहते आंसू को पोछते हुए चंदा बाबू कह पड़ते हैं कि अब ईश्वर पर ही भरोसा है. उनके ही किसी चमत्कार का इंतजार है. अपने तीन बेटों को खोने के बाद अब मेरे पास गंवाने को कुछ भी नहीं है. उम्र भी अब ढल चुकी है और शरीर भी थक चुका है. न्यायालय के चौखट तक पहुंचने के लिए न हिम्मत है और न ही पैसा.
मेरे दो बेटों निकु व सोनु की हत्या व तीसरे बेटे राजीव रोशन के घटना की गवाही देने पर हत्या होने के मामले में हाइकोर्ट की जमानत के विरुद्ध अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की स्थिति में नहीं हूं. राज्य सरकार से भी कोई मदद की उम्मीद नहीं है. ऐसे में अब ऊपर वाले पर ही भरोसा है. ईश्वर जो दिन दिखलाये. अब मेरे जीवन का कोई मतलब नहीं रह गया है.