सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की सीबीआइ जांच शुरू होने के चलते एक बार फिर यह घटना सुर्खियों में है. हत्याकांड से पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के कनेक्शन जुड़े होने के पत्रकार की पत्नी आशा रंजन द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस बीच शुक्रवार को आशा रंजन ने कहा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा मेरे व मेरे परिवार के सदस्यों को उपलब्ध करायी गयी सुरक्षा से हमलोगों का भला नहीं होने वाला है. पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन शहर के महादेवा मिशन में अपने बच्चों के संग रहती हैं. यहां से प्रत्येक दिन अपने गांव हकाम स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने जाती हैं. यह दूरी तकरीबन सवा किलोमीटर की है.
आशा रंजन का कहना है कि मैं अपने मोपेड से हर दिन आती-जाती हूं. हमें सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी मिले हैं. लेकिन विभागीय स्तर पर ऐसा कोई वाहन नहीं है, जिससे कि पुलिसकर्मी मेरे साथ चल सके. ऐसे में इस सुरक्षा से क्या लाभ मिल पायेगा. इसके अलावा उनके हकाम स्थित घर पर सैप के दो जवान तैनात हैं. दो-दो पुलिसकर्मियों व सैप के जवानों के रहने व खाने का इंतजाम कर पाना आशा रंजन के लिए अतिरिक्त बोझ साबित हो रहा है. इसका खर्च उठाने में आशा रंजन ने असमर्थता जताते हुए शासन व प्रशासन से मुकम्मल सुरक्षा की मांग की है.