छह बच्चों की मौत के बाद भी नहीं चेता अस्पताल प्रशासन
एइएस. कोई भी प्राइवेट डॉक्टर व पैथोलॉजी संचालक नहीं देता संक्रामक बीमारियों की जानकारी फरवरी से अब तक एइएस से संक्रमित 16 बच्चों में छह की हो चुकी है मौत सदर अस्पताल में ऐसे मरीजों की पहचान करने की नहीं है व्यवस्था सभी संक्रमित बच्चों की जिले से बाहर हुई है एइएस वायरस की पहचान […]

एइएस. कोई भी प्राइवेट डॉक्टर व पैथोलॉजी संचालक नहीं देता संक्रामक बीमारियों की जानकारी
फरवरी से अब तक एइएस से संक्रमित 16 बच्चों में छह की हो चुकी है मौत
सदर अस्पताल में ऐसे मरीजों की पहचान करने की नहीं है व्यवस्था
सभी संक्रमित बच्चों की जिले से बाहर हुई है एइएस वायरस की पहचान
सीवान : जिले में फरवरी माह से लेकर अब तक करीब छह बच्चों की मौत एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एइएस) से हो चुकी है. लेकिन विभाग के अधिकारी इससे बेखबर है.स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर न तो कोई विभागीय समीक्षा की और न इस बीमारी से लड़ने के लिए विभाग ने कोई रणनीति ही बनायी है. पीएमसीएच और बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने संक्रमित व मरनेवाले बच्चों की सूची जिला सर्वेक्षण इकाई को भेज दी और सूचना एकत्र करने के बाद विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की.
संक्रमित बच्चों में मैरवा नरहिया की रिया, नोनिया टोला दरौली की रागिनी, मनिया जीरादेई का शमशाद, चीतमठ नौतन का पीयूष, पिनर्थु पचरुखी की राजकुमारी, भगवानपुर नौतन का राम नक्षत्र, रघुनाथपुर पतार की रागिनी, सीवान का सूरज, सोनवर्षा महाराजगंज की निशा और मंद्रौली हसनपुरा का अरमान शामिल है. सभी की उम्र डेढ़ साल से लेकर 12 साल के बीच है.
प्राइवेट डॉक्टर व पैथोलॉजीवाले नहीं देते विभाग को सूचना : जिले में करीब एक दर्जन से अधिक शिशु रोग विशेषज्ञ और करीब दो दर्जन से अधिक नामी-गिरामी पैथेलॉजी केंद्र हैं. लेकिन न तो शिशु रोग विशेषज्ञ और न ही पैथोलॉजी वाले स्वास्थ्य विभाग को किसी भी संक्रामक बीमारी की जानकारी देते हैं. नियमानुसार सभी डॉक्टरों व पैथोलॉजी संचालकों को संक्रामक बीमारी मिलने पर इसकी सूचना विभाग को देनी है. लेकिन, व्यावहारिक रूप में अभी तक यह व्यवस्था लागू नहीं है.
सरकारी अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों का लेखा-जोखा पहले एक अलग रजिस्टर में रखा जाता था. लेकिन, अब वह व्यवस्था रही नहीं है. संक्रामक बीमारियों का लेखा-जोखा रखने के लिए जिला सर्वेक्षण इकाई सदर अस्पताल में काम करता है. लेकिन इनके पास कोई ऐसा सिस्टम नहीं है कि जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट डॉक्टरों से संक्रामक बीमारियों का ये लेखा-जोखा ले सकें.
सदर अस्पताल.
हो रही जरूरी कार्रवाई
पीएमसीएच व बीआरडी मेडिकल कॉलेज से कुछ बच्चों को एइएस से संक्रमित होने व कुछ के मरने की सूचना आयी है. मरनेवाले बच्चों की संख्या छह नहीं, दो या तीन है. आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. प्राइवेट डॉक्टरों व पैथेलॉजी संचालकों की जिम्मेवारी है कि संक्रामक बीमारियों की जानकारी दे.
डॉ. शिवचंद्र झा, सिविल सर्जन
एइएस से संक्रमित होकर मरनेवाले बच्चों के नाम
बच्चों का नाम पिता का नाम गांव व प्रखंड का नाम मरने की तिथि
सपना कुमारी 12 वर्ष गामा मांझी खैरवां, भगवानपुर 05 फरवरी
सुनीता 3.5 वर्ष मिथिलेश यादव लक्ष्मीपुर, सीवान नगर 09 जुलाई
सुनील कुमार 08 वर्ष मुन्ना बांसफोर बसंतपुर, बसंतपुर 14 मई
करण कुमार 07 वर्ष उपेंद्र साह महादेवा,सीवान 16 अप्रैल
सीता राम 06 वर्ष राम इकबाल दुबे मझवलिया, दरौली 04 अगस्त
आरिफ कुरैशी एक वर्ष फेकु नया किला, सीवान 11 अगस्त