सीवान : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में सीबीआइ ने अपनी जांच का दायरा काफी बढ़ा दिया है. जांच की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीबीआइ ने हत्याकांड की जांच के लिये वैज्ञानिक तरीकों को भी अपना रही है. एक बेहतरीन जांच का परिचय देते हुए सीबीआइ की टीम ने इस मामले में आज मॉक ड्रील किया और हत्या के कई पहलुओं को रौशनी में लाने की कोशिश की. जानकारी के मुताबिक मॉक ड्रिल में सीबीआइ की टीम ने यह देखा कि हत्या कैसे और किस तरह हुई होगी और साथ ही गोली लगन के बाद राजदेव के गिरने की पोजिशन क्या थी और आस-पास से बॉडी का एंगल क्या था. जानकारों की माने तो इस तरह की जांच से सीबीआइ को कई अनछुए पहलुओं के क्लू मिल सकते हैं.
घटनास्थल पर मॉकड्रिल
सीबीआइ ने मॉकड्रिल में यह देखा कि राजदेव की गाड़ी गोली लगने के बाद कैसे गिरी. गोली कितनी दूर से चलायी गई और किधर से चलाई गयी. राजदेव के बॉडी का पोस्चर क्या था. पैर किस तरफ थे. सीबीआइ के जो अधिकारी इस मॉक ड्रिल में शामिल हुए उन्हें उसी की तरह कपड़े पहनाये गये और गाड़ी के साथ उसी दिन की घटना को रिक्रिएट किया गया. इस ड्रिल के दौरान उस इलाके में स्थानीय प्रशासन ने यातायात बंद कर दिया और स्थानीय अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.
राजदेव की बाइक को भी लाया गया
जानकारी के मुताबिक राजदेव की बाइक को भी घटनास्थल पर लाया गया और उसे उसी अवस्था में रखा गया जिस तरह वह घटना के दिन पड़ी हुई थी. सीबीआइ बार-बार बाइक का अवलोकन कर चुकी है. टीम हर उन बिंदुओं पर जांच कर रही है जिसे स्थानीय प्रशासन की ओर से नहीं किया गया था या फिर नजरअंदाज कर दिया गया था. मॉक ड्रिल के वक्त स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गयी. जिसे प्रशासन ने ड्रिल के स्थल पर जाने से रोके रखा.