चित्रगुप्त नगर स्थित चित्रगुप्त मंदिर में पूजा-अर्चना करते लोग.

श्रद्धा से मनायी गयी चित्रगुप्त पूजा महाराजगंज : दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार का आखिरी दिन यम द्वितीया के नाम से भी प्रचलित है. इस दिन भाई-बहन के प्रेम का पर्व भैयादूज मनाने के अलावा कायस्थ लोग ब्रह्मा जी के पुत्र भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. पंडितों का मानना है कि कागज पर यह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2016 12:25 AM

श्रद्धा से मनायी गयी चित्रगुप्त पूजा

महाराजगंज : दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार का आखिरी दिन यम द्वितीया के नाम से भी प्रचलित है. इस दिन भाई-बहन के प्रेम का पर्व भैयादूज मनाने के अलावा कायस्थ लोग ब्रह्मा जी के पुत्र भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. पंडितों का मानना है कि कागज पर यह पूजा वे लोग मानते हैं, जिनका काम आजीवन कलम से चलता है.
कायस्थ परिवार के लोगों ने मंगलवार के दिन इस पूजा को श्रद्धापूर्वक मनाया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में भीष्म पितामह ने भी चित्रगुप्त भगवान की पूजा की थी. इसी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें चित्रगुप्त द्वारा अमरता (इच्छा मुत्यु) का वरदान मिला था. कहा जाता है कि धर्म शास्त्र के मुताबिक भगवान चित्रगुप्त धर्मराज की सभा में पृथ्वीवासियों के पाप पुण्य का लेखा-जोखा करते हैं.
मान्यता है कि चित्रगुप्त पूजा से अकाल मृत्यु नहीं होती है. पूजा करनेवाले लोग पूजा के दिन अपनी कलम से करानेवाले काम को बंद रखा.
महाभारत काल में भीष्म पितामह ने भी की थी चित्रगुप्त की पूजा

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