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पत्रकार हत्याकांड : सीबीआइ शहाबुद्दीन से कर सकती है पूछताछ

पटना. सीवान के बहुचर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में सीबीआइ की जांच काफी आगे निकल चुकी है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में सीबीआइ जेल में बंद राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से भी पूछताछ कर सकती है. अब तक हुई जांच में सीबीआइ ने इस मामले में सभी आरोपियों के अलावा हमीद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2016 6:59 AM
पटना. सीवान के बहुचर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में सीबीआइ की जांच काफी आगे निकल चुकी है. सूत्रों की मानें तो इस मामले में सीबीआइ जेल में बंद राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से भी पूछताछ कर सकती है. अब तक हुई जांच में सीबीआइ ने इस मामले में सभी आरोपियों के अलावा हमीद रजा उर्फ डब्ल्यू खान तक को तलब कर चुकी है.
हमीद रजा के बारे में सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि वह शहाबुद्दीन के तमाम लेनदेन का हिसाब रखता है. सीबीआइ के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि नोटिस जारी करने के बाद भी डब्ल्यू खान उसके समक्ष नहीं आया है. इसके बाद सीबीआइ उसे बुलाने के लिए जल्द ही कोर्ट से इजाजत लेने जा रही है. इससे पहले बक्सर जेल में बंद लड्डन मियां से भी सीबीआइ दो-तीन बार पूछताछ हो चुकी है. इस तरह से सीबीआइ पूर्व सांसद के तमाम करीबियों को अपनी गिरफ्त में लेकर पूछताछ कर चुकी है.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीबीआइ फिलहाल पूर्व सांसद की संलिप्तता के तार तलाश रही है. राजदेव हत्याकांड से जुड़े सभी सबूतों और गवाहों से तफ्तीश चल रही है. ताकि इसके मुख्य सूत्रधार तक पहुंचा जा सके. इधर, बिहार पुलिस ने अब तक इस मामले में जो भी तहकीकात की है, उसके आधार पर लड्डन मियां के कहने पर ही पांचों शूटरों ने पत्रकार की हत्या कर दी थी. सीबीआइ इसके आगे की कड़ी को तलाशने में जुटी हुई है. आखिर लड्डन को ऐसा करने के लिए किसने कहा. लड्डन ने अपने स्तर पर इस वारदात को अंजाम देने का फैसला कैसे ले लिया.
लड्डन की पत्रकार राजदेव से ऐसी क्या अदावत थी, जिसके लिए वह उसे शूट करवा दिया.
सीबीआइ की अब तक हुई जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि इन सब के पीछे कोई दूसरा सूत्रधार है, जिसके इशारे पर पूरी घटना को अंजाम दिया गया है. अभी यह मालूम करने की कवायद चल रही है कि आखिर हत्या की मुख्य वजह क्या थी. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को तीन महीने में इसकी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. सीबीआइ बिहार में 15 सितंबर को पहली बार इस मामले की जांच करने पहुंची थी. इस आधार पर उसके पास अपनी जांच पूरी करने के लिए आधा समय ही शेष बचा है.

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