डीएवी का प्रशासन ने ताला तोड़ा
सीवान :40 दिनों से डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वेतन भुगतान को लेकर शिक्षकेत्तर कर्मियों व महाविद्यालय प्रशासन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच शनिवार को प्रशासन की मौजूदगी में ताला तोड़ दिया गया. शिक्षकेत्तर कर्मियों ने विरोध के तौर पर कार्यालयों में ताले लगा रखा था. तालाबंदी से पठन पाठन पूरी तरह से ठप […]
सीवान :40 दिनों से डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वेतन भुगतान को लेकर शिक्षकेत्तर कर्मियों व महाविद्यालय प्रशासन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच शनिवार को प्रशासन की मौजूदगी में ताला तोड़ दिया गया. शिक्षकेत्तर कर्मियों ने विरोध के तौर पर कार्यालयों में ताले लगा रखा था. तालाबंदी से पठन पाठन पूरी तरह से ठप हो गया था.
इससे पूर्व शुक्रवार को प्राचार्य डाॅ अजय कुमार पंडित ने जिला पदाधिकारी को पत्र भेजकर महाविद्यालय में दंडाधिकारी व पुलिस बल तैनात करने का आग्रह किया था. जिला पदाधिकारी ने प्राचार्य के पत्र के आलोक में एसडीओ को मजिस्ट्रेट तैनात करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद मजिस्ट्रेट के तौर पर कनीय सांख्यिकी पदाधिकारी को संजय कुमार को नियुक्त किया गया था.
साथ ही भारी पैमाने पर सुरक्षा बलों को भी तैनाती कर दी गयी थी, ताकि कोई अव्यवस्था कायम न हो सके. बतौर मजिस्ट्रेट श्री कुमार ने शिक्षकेत्तर कर्मियों व प्राचार्य के बीच मामले को सुलझाने के लिये वार्ता करायी. श्री कुमार ने बताया कि प्राचार्य व शिक्षकेत्तर कर्मियों के बीच वेतन भुगतान में गति अवरोध को विश्वविद्यालय के समक्ष रखने के मुद्दे पर दोनों पक्ष सहमत हो गया. प्राचार्य ने बताया कि अगले सप्ताह शिक्षकेत्तर कर्मियों के दो प्रतिनिधि के साथ विश्वविद्यालय जाने की बात हुई. हालांकि गतिरोध जारी है.
उधर, 35 दिन से जारी ताला बंदी को प्राचार्य ने प्रशासन की मौजूदगी में तोड़वा दिया. मजिस्ट्रेट श्री कुमार ने कहा कि शिक्षकेत्तर कर्मियों से ताला खेलने की बात कही गयी, जिसके बाद एक दो ताले की चाभी उन्होंने दिया, जबकि शेष ताले के चाभी को देने से इनकार करने के बाद ताला तोड़ने का निर्णय लिया गया. हालांकि शिक्षकेत्तर कर्मियों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट द्वारा जबरन ताला तोड़ा गया है. वहीं दूसरी ओर कुछ कर्मियों ने पुलिस द्वारा बदसलूकी करने की भी बात कही गयी. जिससे मजिस्ट्रेट ने इनकार किया है.
आरोप-प्रत्यारोप जारी
वेतन भुगतान को लेकर प्राचार्य व शिक्षकेत्तर कर्मियों के बीच आरोप प्रत्यारोप जारी है. एक ओर जहां कर्मी वेतन भुगतान मामलें में प्राचार्य द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाने का आरोप लगा रहे है वहीं दूसरी ओर प्राचार्य डाॅ अजय कुमार पंडित का कहना है कि विश्वविद्यालय की गलती के कारण वेतन का भुगतान संभव नहीं है.
शिक्षकेत्तर कर्मी बबन यादव, अमृता कुमारी, अनुनय सिंह, गोलू कुमार, कामेश्वर कुमार, राम नरेश प्रसाद, पवन दूबे व ललित विजय सिंह तथा विनय मिश्र का कहना था कि प्राचार्य द्वारा प्रशासन की आड़ में हमलोगों के आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है. इनका आरोप था कि जब तक वेतन का भुगतान नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा. बताते चलें कि 14 अक्तूबर से शिक्षकेत्तर कर्मियों द्वारा महाविद्यालय में तालाबंदी कर दी गयी थी, जिससे पठन पाठन पूरी तरह प्रभावित हो गया है.