लाखों के मालिक मांग रहे हैं भीख

दरौंदा़ : मालिक का दरबार बना रहे, भगवान आपका भला करे, पौहारी बाबा की जमात को दरबार से मिले एक समय के भोजन का सामान. ये बातें आजकल क्षेत्र में जगह-जगह सुनने को मिल रही है़ं क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के अमीर-गरीब सभी के दरवाजे पर पौहारी बाबा की जमात के नाम पर साधुओं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2016 12:18 AM

दरौंदा़ : मालिक का दरबार बना रहे, भगवान आपका भला करे, पौहारी बाबा की जमात को दरबार से मिले एक समय के भोजन का सामान. ये बातें आजकल क्षेत्र में जगह-जगह सुनने को मिल रही है़ं क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के अमीर-गरीब सभी के दरवाजे पर पौहारी बाबा की जमात के नाम पर साधुओं की टोली ऊंट के साथ घूम कर घर-घर भिक्षाटन करते दिखाई दे रहे है़ं वर्तमान में ऊंट की कीमत एक लाख से कम नहीं है़ यह टोली अपने से सिर्फ बड़े औकात वाले के यहां ही नहीं जाती,

बल्कि गरीब से गरीब के दरवाजे पर भी ऊंट लेकर भीख के लिए खड़े हो जाते हैं. इनके ऊंट की पीठ पर अनाज से भरा बोरा लदा रहता है, फिर भी इन्हें एक समय का भोजन मांगते जरा भी संकोच नहीं होता. पौहारी बाबा की जमात के प्रमुख योगी ने टेसुआर निवासी बालेश्वर राम के दरवाजे पर बताया कि हमलोग मिथिलांचल के सीतामढ़ी क्षेत्र के पुनउस के रहने वाले हैं. ऊंट के साथ भिक्षाटन करना इनके क्षेत्र के लोगों का मुख्य पेशा है़ इसकी जमात में रामचंद्र दास,

बालक दास, भयंकर दास, मनु दास आदि साधु हैं. क्षेत्र के पौहारियों की जमात श्रावण मास में मिथिलांचल छोड़ भिक्षाटन के लिए अलग हिस्सों में निकल जाते हैं. वे बताते हैं कि उनकी जमात उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र एवं उत्तर बिहार के भ्रमण करते हुए आश्विन मास के आखिरी सप्ताह में अपने यहां लौटना प्रारंभ कर देती है़ योगी बाबा के अनुसार ऊंट का महत्व भिक्षाटन में मिले राशन व अन्य सामान को ढोना है़ उन्होंने बताया कि बचपन से इस कार्य से जुड़ा हूं.

अब तो हर गांव-शहर की पहचान जुबान पर है़ हर वर्ष आते हैं और सुरक्षित एवं परिचित स्थान पर अपना पड़ाव डालते हैं. अलग-अलग टोली बना कर ऊंट के साथ भिक्षाटन करते हैं. पौहारी बाबा की जमात के बालक दास ने एक अन्य व्यक्ति के दरवाजे पर रामचरित मानस की पंक्ति ‘तुलसी पक्षी के पीये घटे ना सरिता नीर, दान दिये धन ना घटे जो सहाय रघुवीर’ की रट लगाते भीख की कामना करते देखे गये

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