जर्जर भवन में कभी हो सकता है बड़ा हादसा

छत एवं दीवार से आये दिन गिरते रहते हैं प्लास्टर के छोटे-मोटे टुकड़े किसी तरह गुजार रहे हैं जीवन दरौंदा : सरकार भले ही पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आश्वासन देती हो, यहां जमीनी हकीकत कुछ दूसरी है़ दूसरे को सुरक्षा का भरोसा विश्वास दिलानेवाले खुद असुरक्षित महसूस कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2016 12:18 AM

छत एवं दीवार से आये दिन गिरते रहते हैं प्लास्टर के छोटे-मोटे टुकड़े

किसी तरह गुजार रहे हैं जीवन
दरौंदा : सरकार भले ही पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आश्वासन देती हो, यहां जमीनी हकीकत कुछ दूसरी है़ दूसरे को सुरक्षा का भरोसा विश्वास दिलानेवाले खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. दरौंदा थाना परिसर में वर्षों पुराने जर्जर भवन में पुलिस किसी तरह अपना जीवन गुजार रहे हैं. इस कारण हरदम हादसा होने की आशंका बनी रहती है़ छत एवं दीवार से आये दिन प्लास्टर के छोटे-मोटे टुकड़े गिरते रहते हैं.पेयजल की व्यवस्था कहने भर की है और शौचालय की स्थिति जर्जर ही है़ सबसे अधिक परेशानी बारिश के दिनों में होती है, जब बारिश की बूंदें घर में टपकने लगती है़ इसके चलते आम लोग पूरी रात बारिश से बचाव का उपाय ढूंढ़ने में लगे रहते हैं. इस दौरान सर्प, बिच्छू आदि का भय सताता रहता है़ थाना भवन भी दयनीय हालत में है़ इसमें बारिश का पानी टपकता रहता है़
इसके चलते महत्वपूर्ण कागजात भी भीग जाते हैं. वहीं, पुलिस के लिए कागजात को सुरक्षित करना एवं अपने आवास में सुरक्षित रहना एक चुनौती बनी रहती है़ पुलिसकर्मियों के मुताबिक इतने के बावजूद बुनियादी सुविधा दिलाने की कोई पहल शुरू नहीं की गयी. वहीं किसी जनप्रतिनिधि का भी इस ओर ध्यान नहीं गया़
जिला मुख्यालय को दी गयी है जानकारी
पुलिस बैरक एवं आवास की स्थिति दयनीय है़ इसकी स्थिति की जानकारी जिला मुख्यालय को दे दी गयी है़
सुनील कुमार, थानाध्यक्ष, दरौंदा

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